फैक्ट चेक

पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थन्बर्ग की वायरल हो रही तस्वीर एडिट की गयी है

नेटिज़ेंस दावा कर रहे हैं कि ट्रेन के बाहर गरीब बच्चे हैं और अंदर ग्रेटा लंच कर रही हैं.

By - Saket Tiwari | 23 Feb 2021 5:05 PM IST

पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थन्बर्ग की वायरल हो रही तस्वीर एडिट की गयी है

ट्विटर पर पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थन्बर्ग की एक फ़ोटोशॉप्ड तस्वीर वायरल हो रही है. नेटिज़ेंस यह बता कर रहे हैं कि ट्रेन के बाहर गरीब बैठे हैं और ग्रेटा ट्रेन के अंदर लंच कर रही हैं. यह तस्वीर फ़र्ज़ी है.

बूम ने पाया कि जबकि ग्रेटा थन्बर्ग की इस वास्तविक तस्वीर में बाहर पेड़-पौधे हैं, अलग से जोड़ी गयी गरीब बच्चों की तस्वीर अगस्त 2007 में ली गयी थी. यह दोनों असंबंधित तस्वीरें हैं.

हाल ही में किसान आंदोलन के समर्थन में 'टूलकिट' तैयार कर ट्वीट करने से ग्रेटा थन्बर्ग चर्चा में हैं. उनसे पहले कई अंतर्राष्ट्रीय हस्तियों ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है. जैसे पॉप-सिंगर रिहाना, पूर्व एडल्ट स्टार मिया ख़लीफ़ा और मीना हैरिस. चूँकि ग्रेटा थन्बर्ग एक पर्यावरण कार्यकर्ता हैं, तस्वीर में उनके और गरीबों के बीच का फ़र्क दिखाने के लिए उसे एडिट किया गया है.

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तस्वीर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है: "@सुधीरचौधरी के साथ भारत इन भारत विरोधी ताक़तों #AskGretaWhy से पूछता है."

(इंग्लिश में: "India ask these anti India forces #AskGretaWhy with @sudhirchaudhary")

ऐसी ही कुछ पोस्ट्स नीचे देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहां और यहां देखें.




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फ़ैक्ट चेक

बूम ने "greta thunberg lunch on train" कीवर्ड्स के साथ खोज की. हमें 22 जनवरी 2019 को ग्रेटा थन्बर्ग के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर वास्तविक तस्वीर मिली. उन्होंने "Lunch in Denmark" कैप्शन के साथ यह तस्वीर साझा की है. इस तस्वीर में ट्रेन के बाहर पेड़-पौधे दिख रहे हैं.

इसके बाद हमनें ग्रेटा थन्बर्ग की तस्वीर के साथ जोड़ी गयी फ़ोटो को क्रॉप किया और रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें तेरह साल पुराना रायटर्स का एक लेख मिला जिसमें एक मीडिया गैलरी में इन्हीं बच्चों की तस्वीर प्रकाशित हुई थी.

इस तस्वीर के कैप्शन में लिखा है: "वनों में रहने वाले बच्चे 23 अगस्त, 2007 को बोड़ौली गाँव के पास आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए एक अस्थायी शिविर में बैठे हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार, जनवरी 2006 में सरकारी सैनिकों ने बिना किसी चेतावनी के कोरोसिग्ना पर हमला किया, पूर्व फ्रांसीसी उपनिवेश के उत्तरी हिस्सों में रैग-टैग विद्रोहियों के खिलाफ लड़े गए दो साल पुराने बुश युद्ध का हिस्सा, अफ्रीका के मध्य में फंस गया है. रायटर्स/स्टेफ़नी हैनकॉक"

यह लेख 30 अगस्त 2007 को प्रकाशित हुआ था पर तस्वीर 23 अगस्त 2007 को ली गयी थी.



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