सोशल मीडिया पर तमिलनाडु में SBI का फ़र्जी ब्रांच खोलने और उनकी गिरफ्तारी की तस्वीर को हालिया बताते हुए शेयर किया जा रहा जा रहा है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह तस्वीर हालिया नहीं बल्कि जुलाई 2020 की है, जब तमिलनाडु के कडलोर जिले के पनरुत्ती में तीन लोगों ने मिलकर SBI की शाखा खोल दी थी.
सोशल मीडिया पर वायरल इस तस्वीर में एक कंप्यूटर, कुछ दस्तावेजों और कुछ पैसों के साथ चार-पांच लोग और दो-तीन पुलिस वाले नजर आ रहे हैं. इस तस्वीर के साथ लिखा है, "तमिलनाडु में फर्जी SBI का ब्रांच खोलने वालों को गिरफ्तार कर लिया. उनके 'सभ्य व्यहार' को देखकर उनपर शक हुआ" (अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद).
SBI यानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भारत की सबसे बड़ी एवं सबसे पुरानी बैंक है. 1 जुलाई 1944 को इसकी की स्थापना हुई थी, इसमें सरकार की हिस्सेदारी अभी 57.6% है.
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म एक्स पर यूजर्स तस्वीर को हालिया मानकर शेयर कर रहे हैं. एक यूजर ने शेयर करते हुए लिखा, "SBI ने अपनी ऐसी प्रतिष्ठा बनाई है कि लोगों ने तुरंत एक नकली SBI की शाखा को हरी झंडी दिखा दी, क्योंकि कर्मचारियों का व्यवहार "सभ्य" था. भारत के राष्ट्रीयकृत बैंकों और सरकारी कर्मचारियों का व्यवहार इतना बुरा है जो कि कभी नहीं बदलेगा."(अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद)
एक्स पर अन्य यूजर्स ने भी इसे शेयर किया है. यहां, यहां देखें.
वेरीफाई करने के आग्रह के साथ यह तस्वीर हमारे टिपलाइन पर भी प्राप्त हुई, जिसके साथ लिखा था, "तमिलनाडु में फर्जी एसबीआई शाखाएं स्थापित करने वाले लोगों को (लॉकर और यहां तक कि वेबसाइटों के साथ) गिरफ्तार किया गया है. स्टाफ के सभ्य व्यवहार से संदेह पैदा हुआ."
फैक्ट चेक
वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने इससे जुड़े कुछ कीवर्ड्स सर्च किए. इसके जरिए हमें जुलाई 2020 के कई न्यूज रिपोर्ट्स मिले.
आगे पुष्टि के लिए हमने तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर भी सर्च किया. वहां भी हमें इस तस्वीर के साथ जुलाई 2020 के ही न्यूज रिपोर्ट्स मिले.
11 जुलाई 2020 के नवभारत टाइम्स और 12 जुलाई 2020 के इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, तमिलनाडु के कडलोर जिले के पनरुत्ती में एक 19 साल के लड़के ने दो और लोगों के साथ मिलकर एक नकली SBI की ब्रांच खोली थी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्य आरोपी कमल बाबू, बैंक के पूर्व कर्मचारी का बेटा था, मां की रिटायरमेंट के बाद रोजगार न मिलने की वजह से उसने एक फ़र्जी बैंक चलाना शुरू कर दिया. इस शाखा में सबकुछ असल बैंक जैसा ही मैनेज किया गया था, इन्होंने अपनी एक वेबसाइट भी बना डाली थी. ये लगभग तीन महीनों तक चला जिसके बाद इनकी गिरफ्तारी हो गई.
लल्लनटॉप के यूट्यूब चैनल पर भी 12 जुलाई 2020 का अपलोड किया हुआ एक वीडियो मौजूद है, जिसमें इस घटना की रिपोर्टिंग की गई है. वीडियो के 2 मिनट 5 सेकेंड वाले हिस्से में वायरल तस्वीर को भी देखा जा सकता है.
बूम ने अपनी पड़ताल के दौरान पाया की 2020 में भी यह खबर वायरल थी. कई फेसबुक और एक्स यूजर्स ने उस समय भी इसे शेयर किया था. यहां, यहां देखा जा सकता है.
इससे स्पष्ट है कि यह तस्वीर हालिया नहीं बल्कि जुलाई 2020 की है, इसे भ्रामक तरीके से शेयर किया जा रहा है. यह तस्वीर तब की है जब तमिलनाडु के कडलोर जिले के पनरुत्ती में कुछ लोगों ने मिलकर एक नकली SBI की शाखा शुरू की थी, जिन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था.