सोशल मीडिया पर ईदगाह के सामने बड़ी संख्या में मुसलमानों की भीड़ का एक पुराना वीडियो इस भ्रामक और सांप्रदायिक दावे से वायरल है कि यह उत्तराखंड के हरिद्वार में हुई हालिया घटना है.
बूम ने पाया कि वायरल दावा भ्रामक है. वीडियो हरिद्वार का तो है लेकिन हाल का नहीं, यह मई 2022, ईद के समय से ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद है.
16 सेकंड के इस वीडियो में एक व्यक्ति बालकनी से ईदगाह के सामने मुसलमानों की एक बड़ी सभा की रिकॉर्डिंग करते नजर आ रहा है.
वीडियो को एक दक्षिणपंथी एक्स यूजर @ajaychauhan41 ने शेयर करते हुए लिखा, "हिंदू देवताओं की भूमि, देवभूमि कहा जाने वाला हरिद्वार..."
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एक और वेरीफाई दक्षिणपंथी एक्स यूजर Kreately.in ने इसे शेयर करते हुए लिखा, "हरिद्वार, उत्तराखंड में आपका स्वागत है".
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बूम ने इससे पहले भी फेक न्यूज फैलाने वाले इन दोनों हैंडल्स का कई बार फैक्ट चेक किया है. रिपोर्ट्स यहां और यहां पढ़ी जा सकती हैं.
कई अन्य दक्षिणपंथी एक्स यूजर्स ने भी वीडियो को लगभग इसी मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है कि यह उत्तराखंड के हरिद्वार की हालिया घटना का वीडियो है. यहां और यहां देखें.
फैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल वीडियो के एक कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया, इसके जरिए हमें एक्स पर पोस्ट किया गया मई 2022 का यही वीडियो मिला. वीडियो को पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा था, "ज्वालापुर ईदगाह, हरिद्वार में नमाज अदा करने के बाद का नजारा. हरी की नगरी अल्लाह की बन गयी, सोचने वाली बात है उत्तराखंड में मुसलमान कहां से आया, यहां के पूर्वज तो हिंदू ब्राह्मण, हिंदू राजपूत या हिंदू हरिजन थे."
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इस पोस्ट से हिंट लेते हुए हमने जिक्र किए गए जगह से संबंधित कीवर्ड्स को गूगल मैप पर खोजा, इसके जरिए हमने ज्वालापुर, हरिद्वार, उत्तराखंड में स्थित उस ईदगाह की पहचान की. गूगल स्ट्रीट व्यू पर भी यह जगह देखी जा सकती है.
नीचे वायरल वीडियो के विजुअल्स और हरिद्वार के ज्वालापुर ईदगाह के विजुअल्स के बीच तुलना देखी जा सकती है.
आगे हमें एक फेसबुक यूजर का 3 मई 2022 का पोस्ट मिला, जिसने यही वीडियो शेयर किया था, जिसमें बिल्कुल वैसी ही भीड़ दिख रही है.
इसके अलावा हमें एक स्थानीय समाचार बुलेटिन मिला, जिसमें 3 मई 2022 को ईद-उल-फितर के जश्न मौके पर इलाके में हुई मुसलमानों की इस सभा के बारे में बताया गया था.
भारतवर्ष24x7 न्यूज के इस हिंदी बुलेटिन में बताया गया था कि यह सभा 3 मई 2022 को हुई थी, जब मुसलमानों ने इलाके में ईद-उल-फितर के मौके पर नमाज अदा की थी. इस रिपोर्ट में सांप्रदायिक सद्भाव पर प्रकाश डाला गया था, जिसमें कहा गया कि आस-पास के हिंदुओं ने मुसलमानों के लिए पंडाल लगाकर खाने की व्यवस्था की और ईद के इस अवसर पर शुभकामनाएं भी दीं.