सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है. यूजर्स वीडियो को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि वर्तमान में जारी किसान आंदोलन में शराब बांटी जा रही है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो अप्रैल 2020 से ही इंटरनेट पर मौजूद है. यह किसान आंदोलन से संंबंधित नहीं है.
ग़ौरतलब है कि शंभू बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन का आज 17 फरवरी को पांचवा दिन है. किसान दिल्ली जाने की जिद को लेकर शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं. इस आंदोलन के दौरान हार्ट अटैक से एक किसान और दम घुटने से एक सब इंस्पेक्टर की मौत हो चुकी है.
सोशल मीडिया पर तरह-तरह के वीडियो और तस्वीरों को किसान आंदोलन से जोड़कर झूठे और भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. इसी संदर्भ में यह वीडियो वायरल है. बूम ने ऐसे कई फर्जी दावों का फैक्ट चेक किया है.
एक्स यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "सिंघु बॉर्डर पर क्रांतिकारी किसानों को ये सप्लाई कहां से आ रही है किसान आंदोलन में मौज ही मौज"
फेसबुक पर भी इसी दावे के साथ ये वीडियो वायरल है.
यूट्यूब पर भी इसी दावे के साथ यह वीडियो शेयर हो रहा है.
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फैक्ट चेक
बूम ने दावे की पड़ताल के लिए इनविड टूल की मदद से वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया. हमें कई फेसबुक पेज पर अप्रैल 2020 में शेयर किया गया यह वीडियो मिला.
The Trending India और Gym Jan De Shaukeen Punjabi नाम के फेसबुक पेज पर 11 अप्रैल 2020 को यह वीडियो शेयर किया गया था.
आगे और पड़ताल करने पर हमें R PUNJABI नाम के यूट्यूब चैनल पर भी यह वीडियो मिला. यह वीडियो भी 11 अप्रैल 2020 को शेयर किया गया था.
हमने पाया कि यह वायरल वीडियो अप्रैल 2020 से ही इंटरनेट पर मौजूद है. इसका अभी के किसान आंदोलन से कोई लेना देना नहीं है.
क्योंकि यह वीडियो किसान प्रदर्शन से जोड़कर शेयर कर किया जा रहा है, इसलिए हमने 2020 में हुए किसान आंदोलन के बारे में भी पड़ताल की.
सितंबर 2020 में मोदी सरकार किसानों के लिए कृषि से संबंधित तीन बिल लेकर आयी थी, जिसे तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की मंजूरी मिलने के बाद भी वापस लेना पड़ा था.
तीन नए कृषि बिलों को 17 सितंबर 2020 को लोकसभा और 20 सितंबर 2020 को राज्यसभा में मंजूरी मिल गई थी. 27 सितंबर 2020 को भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने संसद द्वारा पारित तीन बिलों पर अपनी सहमति दी.
वहीं किसानों ने कृषि बिलों के विरोध में देश भर में प्रदर्शन शुरू कर दिए थे. बाद में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 26 नवंबर 2020 को शुरू हुआ आंदोलन 378वें दिन समाप्त हुआ था.
हमने पाया कि वायरल वीडियो सितंबर 2020 में शुरू हुए इस किसान आंदोलन से भी पहले का है.
हम अपनी पड़ताल में स्पष्ट रूप से यह तो नहीं पता लगा पाए कि यह वीडियो कहां का और कब का है, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह वीडियो किसान आंदोलन से संबंधित नहीं है.
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