HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
फैक्ट चेक

क्या दिल्ली हाईकोर्ट ने गिरफ़्तार सभी किसानों को छोड़ने का आदेश दिया है?

वायरल पोस्ट में लिखा है, "दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस द्वारा पकड़े गए सभी किसान साथियों को छोड़ने का आदेश दिया. किसान एकता ज़िंदाबाद. अन्नदाता की जय हो."

By - Mohammad Salman | 13 Feb 2021 3:39 PM IST

सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि 26 जनवरी को आयोजित किसान परेड के दौरान गिरफ़्तार किये गए किसानों को दिल्ली हाईकोर्ट ने छोड़ने का आदेश दिया है.

बूम ने दिल्ली पुलिस के पीआरओ चिन्मय बिस्वाल से संपर्क किया, जिसमें उन्होंने वायरल दावे को फ़र्ज़ी बताया.

गौरतलब है कि बीते महीने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों ने ट्रैक्टर परेड आयोजित की थी. इस दौरान लालकिला और आईटीओ पर किसानों के एक समूह और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प हो गई थी. दिल्ली पुलिस ने 44 एफ़आईआर दर्ज की थी और हिंसा फ़ैलाने के आरोप में 122 लोगों को गिरफ़्तार किया था. इसी पृष्ठभूमि में पोस्ट वायरल हो रहा है.

अंडरटेकर ने नहीं किया है किसान आंदोलन का समर्थन, वायरल ट्वीट फ़र्ज़ी है

वायरल पोस्ट में लिखा है, "दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस द्वारा पकड़े गए सभी किसान साथियों को छोड़ने का आदेश दिया. किसान एकता ज़िंदाबाद. अन्नदाता की जय हो."

फ़ेसबुक पर प्रम रसोड़ा नामक एक यूज़र ने पोस्ट शेयर शेयर करते हुए लिखा, "किसान मजदूर एकता ज़िंदाबाद." इस पोस्ट को अब तक क़रीब 6 हजार लाइक्स और 3 हजार बार से ज़्यादा शेयर किया जा चुका है.


पोस्ट यहां और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

Full View

पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. अन्य पोस्ट यहां, यहां और यहां देखें.

शरद पवार को थप्पड़ मारने का 10 साल पुराना वीडियो फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल

फ़ैक्ट चेक

बूम ने वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए मीडिया रिपोर्ट्स खंगाली. इस दौरान हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें वायरल दावे को वास्तविक पाया गया हो.

इसके उलट, हमें लाइव लॉ पर 2 फ़रवरी की एक रिपोर्ट ज़रूर मिली, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 'ग़ैरकानूनी तौर पर गिरफ़्तार' किसानों की रिहाई संबंधी याचिका ख़ारिज कर दी.

हालांकि, लाइव लॉ वेबसाइट पर 12 फ़रवरी की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली हाईकोर्ट ने किसान आंदोलन में शामिल दो पूर्व सेना के जवान 84 वर्षीय गुरमुख सिंह और 66 वर्षीय जीत सिंह को ज़मानत दे दी. लेकिन इस रिपोर्ट में, बड़े पैमाने पर ही किसानों की गिरफ़्तारी के बारे में कहीं भी ज़िक्र नहीं किया गया.

बूम ने दिल्ली पुलिस के पीआरओ चिन्मय बिस्वाल से संपर्क किया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट शब्दों में वायरल दावे को नकार दिया.उन्होंने बताया कि "दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ़ से हमें ऐसा कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है. यह अफ़वाह है, वायरल पोस्ट का दावा फ़ेक है. अभी इस मामले की जांच चल रही है."

आरएसएस के बचाव कार्य की यह तस्वीर 2013 केदारनाथ त्रासदी की है

Tags:

Related Stories