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फ़ैक्ट चेक

क्या राहुल और प्रियंका गाँधी लॉकडाउन तोड़कर दोस्तों से मिलने बाहर निकले?

बूम ने पाया की वीडियो करीब चार महीने पुराना है जब दोनों को पुलिस ने मेरठ शहर के अंदर जाने से रोका था

By - Saket Tiwari | 6 April 2020 2:31 PM GMT

चार महीने पुराना एक वीडियो जिसमें कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी और कांग्रेस की जनरल सेक्रेटरी प्रियंका गाँधी को पुलिस की एक टीम द्वारा मेरठ शहर के बाहर रोकता दिखाया गया है अब एक फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल हो रहा है | दावा ये है की वीडियो हाल ही में फ़िल्माया गया है और दोनों 21-दिनों के लॉकडाउन को तोड़कर दोस्तों से मिलने जा रहे हैं |

बूम ने पाया की यह वीडियो तब फिल्माया गया था जब राहुल और प्रियंका गाँधी मेरठ गए थे ताकि वह उन मृत लोगों के परिवार वालों से मिल सकें जो नागरिकता संशोधन अधिनियम के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में मारे गए थे | हालांकि पुलिस ने उन्हें सेक्शन 144 और लॉ एंड आर्डर का हवाला देकर रोक दिया था | इस हिंसा में पांच लोगों की जान गयी थी | इसके बारे में अधिक जानकारी यहाँ प्राप्त करें |

वीडियो में आप एक पुलिसकर्मी को राहुल गांधी से कहते सुन सकते है 'सेक्शन 144 लागू है' | इसके जवाब में गांधी कहते हैं 'हम ग्रुप में नहीं जा रहे हैं' |

यह भी पढ़ें: लॉकडाउन तोड़ने पर पुजारी के ख़िलाफ़ रीवा पुलिस की कार्यवाही सांप्रदायिक ढंग से वायरल

चूँकि वीडियो में किसी जगह का ज़िक्र नहीं किया गया है, इसलिए इसे फ़र्ज़ी तरीके से इस्तेमाल करना आसान हो जाता है |

इस 90-सेकंड-लम्बी क्लिप के साथ एक कैप्शन है: "यह राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी हैं जो लॉकडाउन तोड़ रहे हैं और कह रहे हैं उन्हें एक दोस्त से मिलने की जरुरत है"

यह क्लिप ट्विटर, फ़ेसबुक पर काफ़ी वायरल है |




ट्विटर पर वायरल

यह भी पढ़ें: योगी आदित्यनाथ द्वारा शाहरुख खान की आलोचना का पुराना वीडियो फ़र्ज़ी दावों के साथ फिर वायरल

फ़ैक्टचेक

बूम ने सर्च किया और पाया की यह वीडियो चार महीने पुराना है जो मेरठ में रिकॉर्ड किया गया था |

प्रियंका गाँधी और राहुल गाँधी तब नागरिकता संशोधन अधिनियम के ख़िलाफ़ प्रदर्शन में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार वालों से मिलने गए थे | न्यूज़ रिपोर्ट्स के अनुसार हिंसा 20 दिसंबर 2019, को हुई थी और यह दौरा 24 दिसंबर 2019 को किया गया था |

इस घटना को कई मुख्य धारा की मीडिया हाउसेस ने रिपोर्ट किया था | हमें हिंदुस्तान टाइम्स, एन.डी.टी.वी और इंडियन एक्सप्रेस के रिपोर्ट्स मिलें जिसमें इससे मिलते जुलते वीडियोज़ को देखा जा सकता है |

यह भी पढ़ें: यु.एस और यु.के ने पीएम मोदी से 18-राष्ट्र कोरोनावायरस टास्क फोर्स का नेतृत्व करने को नहीं कहा

हिंदुस्तान टाइम्स और एन.डी.टी.वी के वीडियो नीचे देखें |

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इसके अलावा हमें इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट भी मिली | "हमें अचानक सूचना मिली की राहुल और प्रियंका गाँधी मेरठ आ रहे हैं ताकि मृतकों के परिवार वालों से मिल सकें जो शुक्रवार की हिंसा में मारे गए थे | हमनें उन्हें परतापुर में स्थित मोइद्दीनपुर शुगर मिल के पास रोका था | शहर में लॉ एंड आर्डर परिस्थिति को देखते हुए हमनें उनसे प्लान बदलने को कहा था," अखिलेश नारायण, मेरठ पुलिस अधीक्षक, ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया |

इंडियन एक्सप्रेस ने आगे रिपोर्ट में लिखा, "राहुल गाँधी ने कहा,'हमनें पुलिस से कहा की आर्डर दिखाएं, पर उन्होंने कोई आर्डर नहीं दिखाया और हमें लौटने को कहा |'"


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