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राजस्थान पुलिस कांस्टेबल संदीप चौधरी पर मुस्लिमों ने नहीं किया हमला

बूम ने पाया कि पुलिस कांस्टेबल संदीप चौधरी पर हमले के लिए गिरफ़्तार किए गए लोग हिंदू समुदाय हैं और इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.

By - Mohammad Salman | 12 July 2022 12:49 PM GMT

राजस्थान पुलिस कांस्टेबल संदीप चौधरी पर हमले से जोड़कर एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल है. दावा है कि राजसमंद ज़िले के भीम में मुस्लिमों ने पुलिस कांस्टेबल संदीप चौधरी पर तलवार से हमला किया था. और यह हमला उस समय हुआ जब वो कन्हैयालाल के हत्यारों को गिरफ़्तार करने गए थे. वायरल पोस्ट में यह भी दावा किया गया है कि मुस्लिम समुदाय के लोग कन्हैयालाल के हत्यारों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे.

गौरतलब है कि बीते माह 28 जून को गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज़ अंसारी ने उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या कर दी थी, जिसने कथित तौर पर फेसबुक पर नूपुर शर्मा का समर्थन किया था.

कन्हैयालाल की हत्या के बाद, राजस्थान में लोगों ने आरोपियों के लिए मौत की सजा की मांग को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन किया. ऐसा ही एक विरोध प्रदर्शन राजसमंद ज़िले के भीम में 29 जून, 2022 को हुआ था. इस दौरान प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस द्वारा हवा में फायरिंग के बाद प्रदर्शन हिंसक हो गया था.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस कर्मियों पर भी हमला किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान एक पुलिसकर्मी घायल हो गया था. पुलिसकर्मी की पहचान कांस्टेबल संदीप चौधरी के रूप में हुई. हमले में कांस्टेबल के गले और सर पर चोटें आयीं थीं.

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वायरल पोस्ट कांस्टेबल चौधरी पर हमले से जोड़कर शेयर किया जा रहा है कि कन्हैयालाल की हत्या के लिए गौस मोहम्मद और रियाज अंसारी को गिरफ़्तार करने के दौरान मुस्लिमों द्वारा उन पर हमला किया गया था.

दक्षिणपंथी साइट ऑपइंडिया ने अपनी हिंदी साइट पर फ़र्ज़ी दावा करते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की. रिपोर्ट में दावा किया गया कि "इस्लामी भीड़" ने कांस्टेबल संदीप चौधरी पर हमला किया. "राजसमंद में कांस्टेबल संदीप के गर्दन पर धारदार हथियार से हमला, हालत गंभीर: कन्हैया लाल के हत्यारों की गिरफ्तारी से नाराज थे इस्लामी कट्टरपंथी" शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया कि कन्हैयालाल की हत्या के बाद राजसमंद में बुधवार को इस्लामिक भीड़ ने धारदार हथियार से संदीप नाम के एक पुलिस कांस्टेबल पर जानलेवा कर दिया.

ऑप इंडिया ने बाद में बिना किसी स्पष्टीकरण के रिपोर्ट का शीर्षक बदल दिया और दावा किया कि प्रदर्शनकारी मुस्लिम थे. नीचे पुरानी रिपोर्ट के आर्काइव वर्ज़न का स्क्रीनशॉट है.


आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

 बीजेपी उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता प्रशांत पटेल ने भी इसी दावे के साथ ट्वीट किया. हालांकि, बाद में उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया.


क्रिएटली मीडिया ने भी कन्हैयालाल के हत्यारोपियों को पकड़ने गई पुलिस पर पत्थरबाजी और कांस्टेबल संदीप पर खंजर से हमला करने के दावे से ट्वीट किया.


आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

गांधी परिवार और भाजपा से जोड़कर आजतक के फ़र्ज़ी ट्वीट का स्क्रीनशॉट वायरल

फ़ैक्ट चेक 

बूम ने अपनी जांच में पाया कि कन्हैयालाल के हत्यारोपियों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर राजसमंद में प्रदर्शन हुआ था, ना कि उनकी गिरफ़्तारी का विरोध करने को लेकर.

हमारी जांच में यह भी सामने आया कि राजसमंद के भीम में हिंसक प्रदर्शन और कांस्टेबल संदीप चौधरी पर हमला करने के लिए गिरफ़्तार किए गए लोग मुस्लिम नहीं बल्कि राजसमंद के ही हिंदू समुदाय से थे.

जांच के दौरान हमें राजस्थान पुलिस के आधिकारिक हैंडल से किया गया ट्वीट मिला जिसमें ऑप इंडिया वेबसाइट की रिपोर्ट को फ़र्ज़ी बताया गया था.

राजस्थान पुलिस ने ट्वीट किया, "यह खबर सरासर झूठ है। इसमें गलत तथ्य प्रस्तुत किए गए हैं. पुलिस कांस्टेबल संदीप पर हमला करने वाला आरोपी उसी के समुदाय से संबंधित है. हमारी आपसे दरख्वास्त है फेक न्यूज फैलाने से बचें."

इसके बाद, हमने भीम थाने के एसएचओ गजेंद्र सिंह से संपर्क किया जिसमें उन्होंने कांस्टेबल संदीप चौधरी पर मुस्लिमों द्वारा तलवार से हमला करने के वायरल दावे को ख़ारिज कर दिया.

एसएचओ ने हमें यह भी स्पष्ट किया कि "संदीप चौधरी कन्हैयालाल के हत्यारों को पकड़ने वाली पुलिस टीम का हिस्सा नहीं थे. 29 जून को उदयपुर की घटना के विरोध में यहाँ प्रदर्शन हुआ था. तभी कुछ उपद्रवियों ने उनपर हमला किया था. इस मामले में क़रीब 25-30 लोग गिरफ़्तार हुए हैं. हमलावर हिन्दू समुदाय से थे. बलवीर सिंग मुख्य अभियुक्त है जोकि गिरफ़्तार हो चुका है."

बूम ने इस संबंध में मीडिया रिपोर्ट्स खंगाली.

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कांस्टेबल संदीप चौधरी पर हमला करने वाले तीन आरोपियों को राजस्थान पुलिस ने पकड़ लिया है. यह तीनों कोबरा गैंग के सदस्य बताये जा रहे हैं.

9 जुलाई 2022 को प्रकाशित इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि "राजस्थान पुलिस और गुजरात एटीएस की एक संयुक्त टीम ने शुक्रवार को वडोदरा से तीन लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें पिछले महीने राजस्थान के राजसमंद ज़िले में विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर एक पुलिस कांस्टेबल की गर्दन पर तलवार से वार करने वाला भी शामिल था."


रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मुख्य आरोपी बलवीर, कोबरा गैंग का हिस्सा है और उस पर सोशल मीडिया पर धमकी देने और मारपीट करने के मामले हैं. "कुछ असामाजिक तत्व तलवार, पेट्रोल की बोतलें और लाठियों से लैस भीम में घुसे थे. पुलिस और प्रशासन ने उन्हें खदेड़ दिया लेकिन भीड़ में से एक व्यक्ति बलवीर ने संदीप को मारने के इरादे से उसके गर्दन पर तलवार से हमला किया."

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