राजस्थान में पिछले काफ़ी समय से सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच राजनीतिक रस्साकसी चल रही है. मुख्यमंत्री पद की कुर्सी को लेकर चल रही खींचतान की वजह से राज्य में एक राजनीतिक संकट बना हुआ है. इसी संकट से जोड़कर एक दावा सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिमाचल प्रदेश के शिमला में यह ऐलान किया है कि अशोक गहलोत को बगावत की सजा मिलेगी और सचिन पायलट राजस्थान के मुख्यमंत्री होंगे.
हालांकि हमने अपनी जांच में पाया कि वायरल हो रहा दावा फ़र्ज़ी है और मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस तरह का कोई ऐलान नहीं किया है.
क्या मुस्लिम खिलाड़ियों के लिए टी20 वर्ल्ड कप के जश्न में नहीं खोला गया शैंपेन?
वायरल दावे को एक वीडियो के साथ शेयर किया जा रहा है, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एक जनसभा में लोगों को संबोधित करते हुए नज़र आ रहे हैं. वायरल दावे को इस कैप्शन के साथ फ़ेसबुक पर शेयर किया जा रहा है, जिसमें लिखा हुआ है, "खड़गे ने किया शिमला में बड़ा ऐलान सचिन होंगे मुख्यमंत्री गहलोत को मिलेगी बगावत की सजा".
कई यूज़र्स ने वायरल दावे वाले इस फ़ेसबुक पोस्ट को अपने अकाउंट से शेयर किया है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले मल्लिकार्जुन खड़गे के उस वीडियो को देखा जिसे फ़ेसबुक पर शेयर किया जा रहा है. वीडियो को पूरा देखने पर हमने पाया कि यह वीडियो हिमाचल प्रदेश चुनाव के दौरान 9 नवंबर 2022 को बनुटी शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में हुए मल्लिकार्जुन खड़गे की जनसभा का है. क्योंकि इस वीडियो में हमें कई बार मंच पर लगा वह पोस्टर दिखा, जिसमें जनसभा का स्थान और उसकी तारीख लिखी हुई है.
इसी दौरान हमने यह भी पाया कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूरे भाषण के दौरान नरेंद्र मोदी व भाजपा पर जमकर निशाना साधा और साथ ही जनता से पुरानी पेंशन बहाल करने और नौकरी देने समेत कई वायदे भी किए. लेकिन उन्होंने कहीं भी अशोक गहलोत या सचिन पायलट का जिक्र नहीं किया.
हमें जांच के दौरान यह वीडियो कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी मिला, जिसे 9 नवंबर 2022 को प्रीमियर किया गया था.
साथ ही यह वीडियो हमें कांग्रेस के फ़ेसबुक अकाउंट पर भी मिला लेकिन कहीं भी राजस्थान के दोनों दिग्गज कांग्रेसी नेताओं का जिक्र नहीं मिला.
जांच में हमें इससे जुड़ी कोई प्रमाणिक मीडिया रिपोर्ट भी नहीं मिली, जबकि ऐसे बयानों या ऐलानों की चर्चा प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया में ज़रूर होती है.
इसके बाद हमने यह भी जानने की कोशिश कि आख़िरकार खड़गे से जोड़कर यह दावा क्यों वायरल हुआ? हमें इस दौरान कई मीडिया रिपोर्ट्स मिली. इन मीडिया रिपोर्ट्स को पढ़ने पर हमने पाया कि राजस्थान में पायलट और गहलोत खेमे के बीच काफ़ी समय से मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान चल रही है. हालांकि वर्तमान में अशोक गहलोत के पास ही मुख्यमंत्री पद का ज़िम्मा है.
लेकिन पिछले दिनों जब कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अशोक गहलोत के नाम की चर्चा तेज होने लगी तो पायलट ख़ेमे के नेताओं ने एक बार फ़िर से मुख्यमंत्री पद का राग छेड़ दिया. लेकिन गहलोत समर्थक विधायकों ने सचिन पायलट का नाम सामने आने पर विरोध करना शुरू कर दिया जिसके बाद मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को पर्यवेक्षक बनाकर जयपुर भेजा गया. लेकिन विधायकों ने पर्यवेक्षक की बात मानने से ही इनकार कर दिया.
हालांकि बाद में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए गहलोत का नाम बाहर होने के बाद यह मामला थोड़ा शांत हो गया. कांग्रेस आलाकमान ने यह तय किया कि अशोक गहलोत ही सीएम पद की कुर्सी पर बने रहेंगे. अक्टूबर महीने के मध्य में हुए चुनाव में खड़गे को कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुना गया. खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने के करीब एक महीने बाद 16 नवंबर को अजय माकन ने राजस्थान कांग्रेस प्रभारी के पद से इस्तीफ़ा दे दिया. माकन ने खड़गे को पत्र लिखकर दूसरा प्रभारी ढूंढने की अपील की है
टोल टैक्स को लेकर 'जज' और मैनेजर के बीच हुई बहस का यह वीडियो पुराना है