इज़रायल-हमास के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद सोशल मीडिया पर इससे जोड़कर तमाम वीडियो और तस्वीरें तरह-तरह के दावों के साथ वायरल हो रही हैं. ऐसे ही तीन पुरानी तस्वीरों का एक कोलाज़, जिसमें एक छोटी लड़की को तीन अलग-अलग लोग एक दुर्घटना से बचाकर ले जाते हुए प्रतीत हो रहे हैं, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
तस्वीरों में लड़की हल्के हरे रंग का टॉप और हल्के नीले रंग की जींस पहने हुए, बिखरे हुए बालों में दिखाई दे रही है. उसके चेहरे पर धूल लगी नज़र आ रही है. वायरल कोलाज़ को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि फ़िलिस्तीनी अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन हासिल करने के लिए घायल होने का नाटक कर रहे हैं.
ग़ौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2023 को इज़रायल-हमास के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद अब तक इस्लामिक आतंकवादी समूह हमास के हमलों में लगभग 1,400 से ज्यादा इज़रायली लोगों की मौत हुई है. वहीं ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, ग़ाज़ा पट्टी में अब तक 2,913 नाबालिगों सहित 7,028 फिलिस्तीनी लोगों मौत हो गई है. इसी संदर्भ से जोड़कर ये दावा वायरल किया जा रहा है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि एक लड़की को बचाए जाने वाली तस्वीरों का यह कोलाज़ अगस्त 2016 का है, जब सीरिया के अलेप्पो में एक अंतिम संस्कार कार्यक्रम में बमबारी हुई थी.
अमित सिंह नाम के एक वैरिफ़ाइज X (पूर्व में ट्विटर) यूज़र ने तस्वीरों का कोलाज़ शेयर करते हुए लिखा,
"इस फ़िलिस्तीनी लड़की को 3 अलग-अलग स्थानों से 3 अलग-अलग लोगों ने 3 अलग-अलग दिनों में बचाया और सभी स्थान एक दूसरे से 50 किमी दूर हैं। आश्चर्य है कि वह विशेष रूप से संघर्ष क्षेत्र में इतनी दूर यात्रा क्यों करती रहती है? इनके प्रोपगंडा की सच्चाई सब जानते हैं, पर पता नही दुनियां में ये ट्रेंड क्यों बढता जा रहां हैं और हौसला भी बढता जा रहां हैं, आतंकियों का सपोर्ट करने का।"
इसी तरह एक फे़सबुक यूज़र ने कोलाज़ शेयर करते हुए लिखा, "इस फ़िलिस्तीनी लड़की को 3 अलग-अलग स्थानों से 3 अलग-अलग लोगों ने बचाया और सभी स्थान एक दूसरे से 50 किमी दूर हैं। वाकई मैगी मसाला का चमत्कार होगा.🤔"
फै़क्ट चेक
बूम ने अपनी जांच में पाया कि एक लड़की को बचाए जाने वाली तस्वीरों का यह कोलाज़ अगस्त 2016 का है. जब सीरिया के अलेप्पो में एक अंतिम संस्कार कार्यक्रम में बमबारी हुई थी.
बूम ने दावे की पड़ताल के लिए गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया, हमें अगस्त 2016 की कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं, जिसमें ये तीनों तस्वीरें प्रयोग की गई हैं. रिपोर्ट्स में बताया गया कि सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाली जगह अलेप्पो में एक अंतिम संस्कार कार्यक्रम में हुए बम विस्फोट में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई थी.
सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स (The Syrian Observatory For Human Rights) ने इस हमले के लिए सीरियन सरकार के एयरक्राफ्ट को जिम्मेदार ठहराया था. इसी एयरक्राफ्ट से डिवाइडेट सिटी बाब अल-नायरब (Bab al-Nairab) को निशाना बनाया गया था. रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ समय के अंतराल पर एयरक्राफ्ट से दो बम तंबू से कुछ दूरी पर गिरे, जहां पर ये लोग मृत व्यक्ति के लिए शोक-संवेदना व्यक्त कर रहे थे.
हमने पाया कि तीनों तस्वीरें अगस्त 2016 की उसी घटना की हैं, जब सीरिया के अलेप्पो में बमबारी वाले घटना स्थल से पीड़ितों को निकाले जाने के दौरान एक ही लड़की को तीन अलग-अलग बचावकर्ताओं के द्वारा एक दूसरे को सौंपा गया था.
तस्वीर 1
इस फोटो में सफेद हेलमेट पहने एक व्यक्ति को दो लड़कियों को ले जाते हुए देखा जा सकता है. हमें Getty Images पर पोस्ट की गई इसकी मूल तस्वीर मिली. इसके कैप्शन में लिखा है,
"27 अगस्त, 2016 को पूर्वी अलेप्पो के माडी जिले में प्रशासन के विमानों द्वारा बम गिराए जाने के बाद एक सीरियाई बचावकर्मी बच्चों को ले जा रहा है. घटना में कम से कम 15 नागरिकों के मारे जाने की ख़बर है. किसी मृत व्यक्ति के लिए शोक-संवेदना व्यक्त कर रहे कुछ लोगों के तंबू से कुछ दूरी पर कुछ समय के अंतराल पर एक एयरक्राफ्ट से दो बम गिरे थे, जिससे यह घटना हुई थी."
इसमें बताया गया है कि यह तस्वीर एएफपी के लिए फोटो पत्रकार अमीर अल-हल्बी ने क्लिक की थी.
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हमें एक और तस्वीर भी मिली जो वायरल कोलाज में नहीं है, जिसमें एक बचावकर्मी उसी लड़की को एक अन्य दूसरे बचावकर्मी को देता हुआ दिखाई दे रहा है, जो वायरल कोलाज़ की तीसरी तस्वीर में दिख रहा है.
यह घटना की स्थिति के बारे में बताता है कि कैसे उस दिन बचाए जाने के दौरान एक ही लड़की को अलग-अलग लोगों को सौंपा जाता है. और ये तस्वीरें एक ही घटना से सम्बंधित हैं
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तस्वीर 2
दूसरी तस्वीर में पीले रंग की ड्रेस में एक व्यक्ति वायरल तस्वीर में दिख रही लड़की को गोद में लिए हुए है. यह तस्वीर भी अलेप्पो शहर में हुई घटना की है और इस तस्वीर को भी एएफ़पी (AFP) के फोटो जर्नलिस्ट ने ही क्लिक किया था .
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तस्वीर 3
आख़िरी तीसरी तस्वीर में चेक-शर्ट और जींस पहने एक व्यक्ति को उसी लड़की को लिये देखा जा सकता है. यह तस्वीर भी उसी घटना की है, जब लड़की को पहले बचावकर्ता द्वारा एक अन्य बचावकर्ता को सौंपा गया था. यह सौंपने के बाद ली गई तस्वीर है.
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दिसंबर 2016 में Snopes ने इसी कोलाज का फै़क्ट चेक किया था, जब इसे इस झूठे दावे के साथ शेयर किया जा रहा था कि सीएनएन विभिन्न क्षेत्रों में शरणार्थी संकट की तीन अलग-अलग रिपोर्टों को दिखाने के लिए एक ही लड़की की तस्वीरों का उपयोग कर रहा है.
हिंदुओं के खिलाफ नफ़रती बयान दे रहे व्यक्ति का वीडियो झूठे दावे के साथ वायरल