फैक्ट चेक

चीन में विस्फोट का पुराना वीडियो इजरायल-ईरान संघर्ष से जोड़कर वायरल

बूम ने पाया कि वायरल विस्फोट का यह वीडियो चीन में 2015 में हुए एक केमिकल एक्सप्लोजन का है.

By -  Archis Chowdhury |

18 Jun 2025 7:14 PM IST

Fact Check on tianjin explosion video

सोशल मीडिया पर चीन के तिआनजिन (Tianjin) में एक गोदाम में हुए रासायनिक विस्फोट का 2015 का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि यह ईरान -इजरायल संघर्ष के दौरान ईरान द्वारा इजरायल पर गए परमाणु हमले का फुटेज है. वहीं कुछ यूजर इसे इजरायल द्वारा ईरान के तेहरान पर किए गए हमले का फुटेज बता रहे हैं.

इजरायल ने 13 जून को ईरान के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमले किए जिसमें मिसाइल तथा परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने और ईरानी सैन्य कमांडरों को मारने का दावा किया गया. इसके बाद ईरान ने भी जवाबी हमले किए, जिनमें से कुछ इजरायली एयर डिफेंस सिस्टम को सफलतापूर्वक भेदने में कामयाब रहे. दोनों देशों ने जब से एक-दुसरे पर दुश्मनाना हमले फिर से शुरू किए हैं, ईरान में कम से कम 224 और इजरायल में 24 लोग मारे गए हैं.

वायरल दावा:

एक्स पर इस भयानक विस्फोट के वीडियो को शेयर करते हुए इंग्लिश कैप्शन में यूजर ने लिखा, "यह इजरायल पर परमाणु हमले जैसा दिखता है. क्या ईरान ने अभी इजरायल पर परमाणु हमला किया है? यह अब तक का सबसे पागलपन भरा हमला है."(आर्काइव लिंक)

इसके अलावा फेसबुक पर इस वीडियो के साथ एक अन्य दावा किया जिसमें यूजर ने इसे इजरायल द्वारा ईरान की राजधानी तेहरान पर किए हमले का फुटेज बताया. (आर्काइव लिंक)

हमने क्या पाया:

पड़ताल करने पर हमने पाया कि फुटेज में 2015 में चीन के तिआनजिन बंदरगाह पर हुए बड़े विस्फोटों की श्रृंखला दिखाई गई है. इसका ईरान-इजरायल संघर्ष से कोई संबंध नहीं है.

1. तिआनजिन बंदरगाह में रासायनिक विस्फोट:

वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें कई सोशल मीडिया पोस्ट और न्यूज रिपोर्ट मिलीं, जिनमें अगस्त 2015 में चीन के तिआनजिन बंदरगाह के गोदाम में हुए केमिकल एक्सप्लोजन के बारे में बताया गया था. एक्सप्लोजन में कम से कम 173 लोग मारे गए थे. कई यूजर्स द्वारा शेयर किए गए इस विस्फोट के फुटेज वायरल वीडियो से मेल खाते हैं.

2. यह फुटेज अक्सर गलत संदर्भ में किया जाता है शेयर:

हमने पाया कि इस फुटेज को अक्सर गलत दावों के साथ साझा किया जाता रहा है. पिछले संघर्षों के दौरान यह कई बार गलत संदर्भों में वायरल हुआ है और बूम द्वारा इसका फैक्ट चेक भी किया गया है. रिपोर्ट यहां और यहां देखें.



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