सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें पहाड़ पर सुरंगों के बीच से एक ट्रेन गुजर रही है. साथ ही पहाड़ के बगल में एक नदी भी बह रही है. यूजर्स इस वीडियो के शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि यह उत्तराखंड के देवप्रयाग से श्रीनगर के बीच रेलवे लाइन का दृश्य है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. यह वीडियो चीन के मध्य में स्थित हुनान प्रांत के सिली कंट्री का है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल वीडियो को शेयर करते हुए एक वेरिफाइड यूजर ने लिखा, 'देश जलेबी के जुमलों पर नहीं, एक्सप्रेस वे और बेहतरीन रेलवे इंफ्रा पर विकास की रफ्तार भरता है. उत्तराखंड के देवप्रयाग से श्रीनगर के बीच रफ्तार भरती इस ट्रेन को देखिए और सुकून महसूस करिए कि अपना टैक्स का पैसा कहां लग रहा है: एक सोशल मीडिया साथी की पोस्ट.' (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर भी यह वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
फैक्ट चेक: वायरल वीडियो चीन का है
सोशल मीडिया पर एक पहाड़ पर सुरंगों के बीच से गुजरती ट्रेन का वीडियो देवप्रयाग और श्रीनगर के बीच रेलवे लाइन के दावे से वायरल है. बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है.
बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए जब इसके अलग-अलग कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें mei_mei_0946 नाम के एक इंस्टाग्राम पेज पर 14 अक्टूबर 2024 को अपलोड किया गया यह वीडियो मिला.
इसका कैप्शन था, 'खड़ी पहाड़ियों के बीच से गुजरने वाली ट्रेन यानबोडु टाउन, सिली, हुनान प्रांत, चीन में स्थित है.' (अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद)
इसकी मदद से जब हमने इससे जुड़े कीवर्ड को गूगल पर सर्च किया तो हमें चीन के अखबार People's Daily के एक्स अकाउंट पर यह वीडियो मिला जिसे 22 अक्टूबर 2024 को पोस्ट किया गया था.
इस पोस्ट का कैप्शन था, 'सुरंग के बाद सुरंग, एक चलती हुई ट्रेन पहाड़ी से गुजरती है, जो मध्य चीन के हुनान प्रांत के सिली कंट्री में एक सुंदर दृश्य प्रस्तुत करती है.' (अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद)
People's Daily के इंस्टाग्राम और फेसबुक अकांउट पर भी इस वीडियो को देखा जा सकता है. इसके अलावा चीनी न्यूज वेबसाइट finance.sina.com और tech.ifeng.com ने भी इस वीडियो के उत्तराखंड के होने के दावे को खारिज किया है.
2025 तक पूरी होगी उत्तराखंड की चार धाम रेलवे परियोजना
भारतीय रेलवे उत्तराखंड के चार महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों को आपस में जोड़ने के लिए 327 किलोमीटर की एक रेलवे परियोजना पर काम कर रही है. इसमें से 105 किमी की रेल लाइन सुरंग से होकर गुजरेगी. इस परियोजना के तहत गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ व बद्रीनाथ को रेलवे से जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है. ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच 125 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने का काम लगभग पूरा हो गया है.
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच कुल 12 स्टेशन बनाए जा रहे हैं. इनमें योग नगरी ऋषिकेश, मुनि की रेती, शिवपुरी, मंजिलगांव, साकनी, देवप्रयाग, कीर्ति नगर, श्रीनगर, धारी देवी, रुद्रप्रयाग, घोलतीर और कर्णप्रयाग हैं.