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फैक्ट चेक

तेलंगाना में हनुमानजी की खंडित मूर्ति की तस्वीर भ्रामक दावे से वायरल

बूम को चिप्पलापल्ली में 'प्रकृति कुटीर आश्रम' के संचालक श्रीनिवास राजू ने बताया कि मूर्ति के जीर्णोद्धार के लिए उसे तोड़ा जा रहा था, जिसे भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है.

By - Rohit Kumar | 18 March 2024 5:23 PM IST

सोशल मीडिया पर हिंदू देवता हनुमान की खंडित मूर्ति की एक तस्वीर वायरल हो रही है. यूजर्स तस्वीर को लेकर दावा किया कि अराजक तत्वों की तरफ इशारा करते हुए दावा किया कि तेलंगाना में रंगारेड्डी जिले के चिप्पलापल्ली गांव में स्थित प्रकृति आश्रम में हनुमानजी की मूर्ति को तोड़ दिया गया.

बूम ने अपनी जांच में पाया कि दावा भ्रामक है. मूर्ति को 'प्रकृति कुटीर आश्रम' के संचालक श्रीनिवास राजू (स्वामी प्रकृति नंदा) ने बताया कि मूर्ति काफी पुरानी होने की वजह से विखंडित हो गई थी. मूर्ति का जीर्णोद्धार (नए सिरे से बनवाने) कराने के लिए उसे तोड़ा जा रहा था. इसे भ्रामक संदर्भ से शेयर किया गया है.

फेसबुक पर एक्स यूजर ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'आज श्री रामभक्त हनुमान जी की अतिभव्य और विशाल मूर्ति तोड़ दी गई है, चिप्पलापल्ली प्रकृति आश्रम, कंडुकुरू मंडल, रंगारेड्डी जिले, तेलांगना.'



सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी इसी दावे के साथ यह तस्वीर शेयर हो रही है. 


आर्काइव पोस्ट यहां देखें. 


फैक्ट चेक

वायरल तस्वीर के साथ शेयर किए जा रहे कैप्शन में इसे तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले की घटना बताया गया था. बूम ने दावे की पड़ताल के लिए रंगारेड्डी जिले के कंदुकुर थाना के पुलिस इंस्पेक्टर मोहम्मद मकबूल जानी से बात की. उन्होंने वायरल दावे को खारिज करते हुए कहा, 'बजरंग दल के कुछ लोगों ने हमसे चिप्पलापल्ली गांव के प्रकृति कुटीर आश्रम में हनुमान की मूर्ति तोड़े जाने को लेकर एक शिकायत की थी. इस आश्रम के संचालक श्रीनिवास राजू हैं, जो पिछले 14 साल से उस आश्रम को चला रहे हैं. मूर्ति में दरार की वजह से उसे नए सिरे से बनवाया जा रहा है.'

मोहम्मद मकबूल जानी ने आगे यह भी बताया, 'उसमें किसी भी तरह का कोई विवाद नहीं है, न ही इसमें दूसरे धर्म वाली कोई बात है.'

अधिक स्पष्टीकरण के लिए बूम ने चिप्पलापल्ली में प्रकृति कुटीर आश्रम के संचालक श्रीनिवास राजू से भी बात की. उन्होंने बूम को बताया, 'मैंने 14 साल पहले यह मूर्ति बनवायी थी, अब मूर्ति के चेहरे पर दरार आ गई थी, इसलिए मूर्तिकार ने मूर्ति को तोड़कर नए सिरे से बनाने के लिए कहा था. मूर्ति का विधिवत जीर्णोद्धार कराने के लिए उसे तोड़ा जा रहा था.'

श्रीनिवास राजू ने आगे बताया, 'राजनीति करने वाले लोगों ने मूर्ति की तस्वीर लेकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. हमने पुलिस से इसकी शिकायत की है.'

हमारी पड़ताल से स्पष्ट है कि सोशल मीडिया पर मूर्ति का जीर्णोद्धार कराने के लिए तोड़ी जा रही मूर्ति को भ्रामक दावे से शेयर किया गया है. 



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