सोशल मीडिया पर एक ग्राफिक वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया गया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 500 से कम वोटों के अंतर से 30 सीटें जीतीं और 1000 से कम वोटों के अंतर से 100 से अधिक सीटें जीतीं हैं.
बूम ने अपने फैक्ट चेक में इस दावे को झूठा पाया. हमने भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों का विश्लेषण किया तो पाया कि भाजपा सबसे कम वोट के अंतर से जो सीट जीती है वह अंतर 1587 है.
हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 240 सीटें जीतीं और एनडीए गठबंधन के अपने सहयोगियों को शामिल करते हुए, इसने अगली सरकार बनाने के लिए जरूरी 272 सीटों का आंकड़ा पार कर लिया.
वायरल ग्राफिक में लिखा देखा जा सकता है, 'इस घोटाले को आप क्या कहेंगे? बीजेपी ने 500 से कम वोटों के अंतर से 30 सीटें जीतीं और 1000 से कम वोटों के अंतर से 100 से अधिक सीटें जीतीं.'
सोशल मीडिया प्लेटफार्म थ्रेड्स पर इस ग्राफिक को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'ईवीएम का घोटाला इस बार भी जमकर हुआ.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
एक्स पर यही दावा गुजरात कांग्रेस के AICC सचिव BM संदीप (@BMSandeepAICC) के हैंडल से भी पोस्ट किया गया है.
बूम को 'बोलो भारत' के लोगो वाला यह ग्राफिक वेरीफाई करने की रिक्वेस्ट के साथ उसके व्हाट्सएप नंबर (7700906588) पर भी मिला.
फैक्ट चेक
बूम ने चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित आंकड़ों का विश्लेषण किया और पाया कि भाजपा द्वारा जीती गई 240 सीटों पर सबसे कम जीत का अंतर 1587 वोटो से कम नहीं था.
तीन लोकसभा सीटें जहां भाजपा को सबसे कम अंतर से जीत मिली वे हैं-
1) जाजपुर (ओडिशा) - 1587 वोट
2) जयपुर रूरल (राजस्थान) - 1615 वोट
3) कांकेर (छत्तीसगढ़) - 1884 वोट
भाजपा द्वारा जीती गई 240 सीटों में से किसी पर भी जीत का अंतर 1000 या 500 वोट से कम नहीं था, जैसा कि वायरल ग्राफिक में दावा किया गया है.
इस लोकसभा चुनाव में सबसे कम अंतर से शिवसेना के रवींद्र वायकर की हुई, जो कि एनडीए सहयोगी हैं. इन्होंने मुंबई उत्तर पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के अमोल कीर्तिकर को मात्र 48 वोटों से हराया.