चेतावनी: वायरल तस्वीर की प्रकृति परेशान कर सकती है
'आई लव मोहम्मद' विवाद के बीच सोशल मीडिया पर हॉस्पिटल बेड पर लेटे एक घायल शख्स की तस्वीर वायरल हो रही है. इसके साथ दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर यूपी के बरेली से है, जहां प्रदर्शन के दौरान यूपी पुलिस प्रदर्शनकारियों के साथ कुछ इस तरह पेश आई.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत है. यह तस्वीर उत्तराखंड के उत्तरकशी में 2023 में हुई एक घटना से जुड़ी है, जहां मंदिर में प्रवेश करने की वजह से एक दलित युवक के साथ सवर्णों द्वारा मारपीट की गई थी. इसका बरेली में हुए हालिया प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है.
क्या है पूरा मामला
इस विवाद की शुरुआत उत्तर प्रदेश के कानपुर से हुई, जहां पुलिस ने बारावफात के मौके पर 'I Love Mohammad' के पोस्टर लगाने को लेकर एक केस दर्ज किया. हालांकि पुलिस का कहना था कि मामला पोस्टर लगाने को लेकर का नहीं बल्कि आयोजन स्थल की जमीन को लेकर दर्ज किया गया था.
कानपुर से शुरू हुआ यह मामला यूपी के बरेली, बहराइच समेत कई जिलों तक फैल गया. 'I Love Mohammad' कैम्पेन के समर्थन में जुलूस निकाले गए.
बरेली में 26 सितंबर को मौलाना तौकीर रजा की एक अपील पर जुमे की नमाज के बाद 'I Love Mohammad' के पोस्टर के साथ लोग सड़कों पर उतर आए. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई और पुलिस ने लाठीचार्ज किया.
इसके बाद जिले में धारा 163 लागू कर दी गई और 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद करने का भी ऐलान किया गया. बरेली पुलिस के मुताबिक इस मामले में अलग-अलग थानों में 10 एफआईआर दर्ज कर 8 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है और करीब 39 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
इस मामले की शुरुआत कैसे हुई और पुलिस की ओर से क्या जानकारी दी गई, इसे लेकर बूम की विस्तृत स्टोरी यहां पढ़ी जा सकती है.
सोशल मीडिया पर क्या है वायरल?
एक्स और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह पुरानी और असंबंधित तस्वीर बड़े पैमाने पर वायरल है. तस्वीर में जख्मी शख्स के पीठ पर चोट के निशान देखे जा सकते हैं साथ ही उसके कूल्हों पर भी पट्टी बंधी हुई है. (आर्काइव लिंक)
यूजर इसे बरेली में हुई हालिया हिंसा से जोड़ते हुए दावा कर रहे हैं कि यूपी पुलिस ने में शामिल इस शख्स का ये हाल किया है. वहीं एक यूजर ने तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति की पहचान लद्दाख आंदोलन के चर्चित चेहरे सोनम वांगचुक के रूप में की, जिन्हें हाल में जोधपुर जेल भेजा गया है. (आर्काइव लिंक)
पड़ताल में क्या मिला:
तस्वीर 2023 की उत्तराखंड की है
रिवर्स इमेज सर्च की मदद से हमें एक इंस्टाग्राम और फेसबुक पोस्ट में 20 जनवरी की शेयर की गई यही तस्वीर मिली. इससे साफ था कि यह बरेली में 26 सितंबर को हुए प्रदर्शन से पहले की तस्वीर है.
पोस्ट में तस्वीर के साथ 12 जनवरी 2023 की एक पेपर क्लिपिंग भी मौजूद थी. पेपर क्लिपिंग और कैप्शन के मुताबिक, यह घटना उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सालरा गांव की है, जहां दलित समुदाय के 22 वर्षीय आयुष को मंदिर में प्रवेश करने पर बंधक बनाकर जलती लकड़ी से बेरहमी से पीटा गया.
उत्तरकाशी में दलित युवक के साथ हुई थी मारपीट
यहां से हिंट लेकर हमने घटना से संबंधित अन्य खबरों की तलाश की. दैनिक जागरण और अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक घटना 9 जनवरी 2023 की है, उत्तरकाशी के मोरी थाना क्षेत्र स्थित सालरा गांव में मंदिर में प्रवेश करने पर अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले युवक आयुष को सवर्ण जाति के कुछ युवकों ने पीटा और करीब 16 घंटे तक मंदिर के भीतर बंधक बनाकर रखा.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि आरोपी युवकों ने उसे जलते हुए अंगार से दागा. युवक के हाथ, पीठ और कूल्हे पर कोयले से दागने के घाव मौजूद थे.
पांच आरोपियों पर हुई कार्रवाई
पीड़ित युवक की तहरीर के आधार पर पुलिस ने पांच आरोपियों- भग्यान सिंह, चैन सिंह, जयवीर सिंह, ईश्वर सिंह और आशीष सिंह पर SC/ST एक्ट, बंधक बनाना, मारपीट और जान से मारने की धमकी सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. घटना पर मूकनायक और बीबीसी की विस्तृत रिपोर्ट देखी जा सकती है.
हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट के मुताबिक मंदिर समिति के एक सदस्य करतार सिंह ने आयुष पर आरोप लगाया था कि उसने मंदिर में रखी धार्मिक प्रतीकों और मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया और गर्भगृह में घुसकर दरवाजा बंद कर दिया. पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर आयुष के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया था.
The New Indian के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में आयुष के शरीर पर मौजूद सभी चोट के निशान देखे जा सकते हैं. वीडियो में घटना पर उत्तरकाशी के तत्कालीन एसपी अर्पण यदुवंशी का बयान भी शामिल है.


