बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले के बीच सोशल मीडिया पर छात्र लीग की नेता के साथ बदसलूकी का वीडियो वायरल है. दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दिख रही महिला का नाम ज्योतिका बासु चटर्जी है, जो बांग्लादेश में एक मानवतावादी संगठन चलाती हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल सांप्रदायिक दावा गलत है. वायरल वीडियो में दिख रही महिला का नाम सागरिका अख्तर है. वह अवामी लीग के स्टूडेंट विंग छात्र लीग की नेता हैं.
गौरतलब है कि बांग्लादेश में कोटा आंदोलन को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन और हिंसा के चलते 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा था. बांग्लादेशी न्यूज वेबसाइट The Daily Star की 6 अगस्त 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद कम से कम 27 जिलों में हिंदू अल्पसंख्यकों के घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर हमले हुआ था.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'नेकी कर गन्दी नाली में फेक, ज्योतिका बासु चटर्जी हिंदू फंड से मुस्लिम लड़कियों को पढ़ाने और उन्हें अपने पैर पर खड़ा करने का काम करती थी.' (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
नेकी कर गन्दी नाली में फेक।
— P.N.Rai (@PNRai1) August 10, 2024
ज्योतिका बासु चटर्जी हिंदू फंड से मुस्लिम लड़कियों को पढ़ाने और उन्हे अपने पैर पर खड़ा करने का काम करती थी।#BangladeshiHindus pic.twitter.com/t8HE2BAGXH
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर भी यह वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
फैक्ट चेक
बूम ने जब वायरल दावे की पड़ताल के लिए एक्स पर शेयर किए गए वायरल वीडियो के कमेंट सेक्शन को चेक किया तो कई रिप्लाई मिले, जिसमें बताया गया कि वायरल वीडियो में दिख रही महिला छात्र लीग की नेता सागरिका अख्तर हैं.
इससे मदद लेकर हमने इससे जुड़े कीवर्ड को फेसबुक पर सर्च किया तो हमें 17 जुलाई 2024 का एक फेसबुक पोस्ट मिला. इस पोस्ट के साथ भी वायरल वीडियो को शेयर किया गया था. इस वीडियो के कैप्शन से हमें पता चला कि वायरल वीडियो में दिख रही महिला सागरिका अख्तर हैं और वह ढाका के ईडन विमेंस कॉलेज की छात्र लीग की नेता हैं.
वीडियो का कैप्शन था, 'ईडन विमेंस कॉलेज की छात्र लीग की नेता सागरिका अख्तर भागना चाहती थीं, लेकिन कॉलेज की छात्राओं ने उसे पकड़ लिया और उठक-बैठक कराई #quotamovement #edenmohilacollege.' (बांग्ला से हिंदी अनुवाद)
हालांकि, बाद में इस पोस्ट को डिलिट कर दिया गया.
इसके अलावा हमें 17 जुलाई 2024 का एक और फेसबुक पोस्ट मिला, जिसमें इस घटना की निंदा की गई थी. पोस्ट में लिखा गया था, 'ईडन कॉलेज के पूर्व छात्र लीग के रूप में मैं इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं और विरोध जताता हूं. ईडन कॉलेज छात्र लीग की कार्यकर्ता सागरिका अख्तर इतिहास विभाग की सत्र 14-15 की छात्रा है. उनका लैपटॉप, मोबाइल, पासपोर्ट और आईईएलटीएस सर्टिफिकेट सब ले लिया गया. आइए मिलकर देश को जमात-शिबिर से बचाएं.' बूम ने यूजर से संपर्क करने की कोशिश की है, उनकी ओर से प्रतिक्रिया मिलने पर रिपोर्ट अपडेट कर दिया जाएगा.
बूम ने वायरल दावे की पुष्टि के लिए ईडन विमेंस कॉलेज की एक प्रदर्शनकारी छात्रा से भी बात की. उन्होंने भी बूम को बताया कि वायरल वीडियो में दिख रही महिला हिंदू नहीं, बल्कि मुस्लिम हैं.
इसके अलावा हमें 17 जुलाई 2024 को ढाका के ईडन महिला कॉलेज में छात्र लीग के नेताओं पर हमले से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट भी मिली. बांग्लादेशी न्यूज वेबसाइट Barta24 की रिपोर्ट के मुताबिक, उस वक्त तत्कालीन बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना घटना के बाद छात्र लीग के नेताओं से मुलाकात की थी, जिन पर कथित तौर पर हमला किया गया था.
बूम बांग्लादेश के तौसीफ अकबर से मिले अतिरिक्त इनपुट के साथ