मतदान केंद्र पर एक व्यक्ति का एक ही प्रत्याशी के लिए पांच बार ईवीएम का बटन दवाने का वीडियो वायरल है. बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो असम के करीमगंज में एक मॉक पोल के दौरान का है. यह वास्तविक मतदान के दौरान का नहीं है.
वायरल वीडियो में व्यक्ति बीजेपी प्रत्याशी और वर्तमान सांसद कृपानाथ मल्लाह के लिए लगातार पांच बार ईवीएम बटन को दबाते हुए दिखाई दे रहा है.
एक एक्स यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'देखिए EVM बटन को खटा-खट दबाकर, बीजेपी को जीत दिलाई जा रही है? चुनाव आयोग @ECISVEEP को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या हो रहा है? मैं उन शायरी बोलने वाले मुख्य चुनाव आयुक्त जी से पूछना चाहती हूं कि क्या इस तरीके से भाजपा को 400 सीट पर आप लोग जीत दिलवाएंगे?'
फैक्ट चेक
दरअसल वास्तविक मतदान से पहले चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक मानक प्रक्रिया के तहत एक मॉक पोल आयोजित किया जाता है और फिर आधिकारिक मतदान शुरू होने से पहले ईवीएम को शून्य पर रीसेट कर दिया जाता है.
बूम ने पाया कि सोशल मीडिया पर मॉक पोल का वीडियो गलत दावे से वायरल होने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) ने स्पष्ट किया कि वायरल वीडियो मॉक पोल के दौरान का था.
डीईओ ने आगे यह भी कहा, "मतदान केंद्र के अंदर मोबाइल फोन ले जाना प्रतिबंधित है, मॉक पोल का वीडियो बनाने की यह घटना ईसीआई के निर्देशों का खुला उल्लंघन है."
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में इस घटना पर जिला चुनाव अधिकारी के कार्यालय के हवाले से लिखा गया, "यह वीडियो वास्तविक मतदान शुरू होने से पहले किए गए मॉक पोल के दौरान रिकॉर्ड किया गया था."
हमें करीमगंज के जिला आयुक्त के एक्स अकाउंट पर 28 अप्रैल 2024 को शेयर की गई डीईओ की दो प्रेस विज्ञप्तियां मिलीं. पहली प्रेस विज्ञप्ति में डीईओ ने पुष्टि की कि यह वीडियो मॉक पोल के दौरान का था. वास्तविक मतदान शुरू होने से पहले ईवीएम में मॉक पोल के दौरान डाले गए वोटों को हटाने के लिए क्लोज रिजल्ट क्लियर (सीआरसी) कर दिया गया.
विज्ञप्ति में बताया गया कि वायरल वीडियो में दिखाई देने वाला व्यक्ति चेंजूर से अब्दुल साहिद है जो करीमगंज लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी अब्दुल हमीद का पोलिंग एजेंट है.
डीईओ की दूसरी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि वास्तविक मतदान के दौरान नियम प्रक्रिया का किसी भी तरह का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है. विज्ञप्ति में आगे लिखा गया कि ईसीआई के निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए पीठासीन अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है और मतदान केंद्र के अंदर मोबाइल फोन ले जाने वाले पोलिंग एजेंट के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.