सोशल मीडिया पर आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (IS) द्वारा दो तुर्की सैनिकों को जिंदा जलाए जाने का एक वीडियो गलत दावे के साथ वायरल हो रहा है. वीडियो में दो सैनिक खड़े दिखाई दे रहे हैं. जो एक लोहे की चैन से बंधे हुए हैं. चैन में आग लगाकर उन्हें मार दिया जाता है. वीडियो में म्यूज़िक का भी प्रयोग किया गया है. जो इस्लामिक स्टेट के प्रचार वाले वीडियो की एक खास विशेषता है.
दावा किया जा रहा है कि फ़िलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास इज़रायली सैनिकों के साथ अत्याचार कर रहा है.
दरअसल, 7 अक्टूबर 2023 को इज़रायल-हमास के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद अब तक लगभग 4,900 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. हमास के हमलों में 1,400 से ज्यादा इज़रायली लोगों और वहीं, ग़ाज़ा पट्टी में लगभग 3,478 लोगों की मौत हो चुकी है. जिससे ग़ाजा में मानवीय संकट पैदा हो गया है. इसी संदर्भ से जोड़कर ये दावा वायरल किया जा रहा है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह वीडियो 2016 का है, जब IS ने दो तुर्की सैनिकों को पकड़कर जिंदा जला दिया था.
भारतीय जनता पार्टी दिल्ली इकाई के पूर्व प्रवक्ता नवीन केआर जिंदल ने प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा,
"हमास के आतंकियों का क्रूर चेहरा देखिये ये अमानवीय और पैशाचिक कार्यों का वीडियो हमास के आतंकियों द्वारा ही बनाया गया है जिसमें दो इजरायली सैनिकों को चेन से बांध उनके शरीर पर बारूद लपेट कर आग लगा दी गई और वे तड़प तड़प का मर रहे हैं।
लेकिन फिर भी कुछ गद्दार हमास का समर्थन कर रहे है।
हमास आतंकियों का सफाया बहुत जरूरी है, हम सबको @Israel का साथ देना चाहिये।"
पोस्ट का अर्काइव वर्जन यहां देखें.
फै़क्ट चेक
बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह वीडियो 2016 का है, जब IS ने दो तुर्की सैनिकों को पकड़कर जिंदा जला दिया था.
बूम ने पड़ताल के लिए वायरल वीडियो को ध्यान से देखा तो पाया कि वीडियो में ऊपर बांए कोने पर ISIS का काला और सफेद झण्डा वाला लोगो लगा हुआ दिखाई दे रहा है. हमने "IS burns soldier" कीवर्ड्स का प्रयोग करके रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें 23 दिसंबर 2016 की बीबीसी की न्यूज़ रिपोर्ट मिली.
रिपोर्ट के अनुसार इस्लामिक स्टेट (IS) ने एक वीडियो ऑनलाइन जारी किया है, जिसमें दावा किया गया कि IS ने दो तुर्की सैनिकों को जिंदा जला दिया. आईएस ने कहा कि उन्हें तुर्की द्वारा मुसलमानों की हत्या का बदला लेने के लिए मारा गया है. तुर्की ने अगस्त में उत्तरी सीरिया में आईएस के खिलाफ अभियान शुरू किया था और वर्तमान में वह संगठन के गढ़ अल-बाब के आसपास IS से लड़ रहा है.''
उसी दिन रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में उग्रवादी समूहों पर ऑनलाइन नजर रखने वाले अमेरिका स्थित इंटेलिजेंस ग्रुप SITE के हवाले से कहा गया कि "सीरिया में इस्लामिक स्टेट ने गुरुवार को एक वीडियो जारी किया, जिसमें पकड़े गए दो तुर्की सैनिकों को जलाकर मार दिया गया. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि "पिछले महीने के अंत में, तुर्की के सैन्य अधिकारियों ने कहा कि उनका उत्तरी सीरिया में अपने दो सैनिकों से संपर्क टूट गया है, जहां उनकी सेना इस्लामिक स्टेट के खिलाफ आक्रामक अभियान चला रही है."
अल जज़ीरा ने अपनी एक न्यूज़ रिपोर्ट में बताया कि वीडियो में सैनिकों को मारने वाले तुर्की भाषा में बोल रहे हैं. वह तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की आलोचना कर रहे हैं और कह रहे हैं कि "हम तुर्की के विनाश की कसम खाते हैं."
न्यूज़ वेबसाइट अल अरेबिया ने भी इस वीडियो के स्कीनशॉट के साथ ये न्यूज़ रिपोर्ट शेयर की है.
हमें तुर्की मीडिया आउटलेट्स 'तुर्किश मिनट' की वेबसाइट पर एक न्यूज़ रिपोर्ट भी मिली, जिसमें एक स्थानीय समाचार आउटलेट के हवाले से बताया गया कि ये दोनों सैनिक "फ़ेथी साहिन और सेफ़र तास" हैं.
रिपोर्ट में वीडियो का एक फ्रेम भी है जो वायरल वीडियो से मेल खाता है.