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फैक्ट चेक

कुंभकर्ण की तलवार के दावे से AI जनरेटेड तस्वीरें वायरल

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो में दिख रही तलवार की तस्वीरें वास्तविक नहीं हैं. इन्हें AI की मदद से बनाया गया है.

By - Jagriti Trisha | 1 Nov 2024 7:36 PM IST

श्रीलंका में रामायण वर्णित किरदार कुंभकर्ण की तलवार मिलने के दावे से कुछ तस्वीरें एक वीडियो के रूप में सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं.

बूम ने पाया कि कुंभकर्ण की तलवार मिलने का दावा गलत है. चारों तलवार की वायरल तस्वीरें AI जनरेटेड हैं. AI डिटेक्टर टूल ट्रूमीडिया ने अपने ईमेल में इसकी पुष्टि की और बताया कि उनके समीक्षकों ने विजुअल्स को वेरीफाई किया है. उन्होंने पाया है कि इन तस्वीरों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया है.

आपको बताते चलें कि कुंभकर्ण रामायण में वर्णित लंका के राजा रावण का छोटा भाई था.

वायरल विजुअल एक वीडियो के रूप में है, जिसमें चार विशाल तलवारों की अलग-अलग तस्वीर है.



फेसबुक पर इसे शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'श्रीलंका में कुंभकर्ण की तलवार मिली..रामायण को मिथक कहने वालों के गाल पर ये तमाचा है.'


पोस्ट का आर्काइव लिंक.

एक्स पर भी इन तस्वीरों के साथ यही दावा किया गया है.


पोस्ट का आर्काइव लिंक.

फैक्ट चेक: वायरल विजुअल्स AI जनित हैं 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर इससे संबंधित खबरों की तलाश की और साथ ही चारों तस्वीरों को रिवर्स इमेज सर्च भी किया. पर हमें श्रीलंका में कुंभकर्ण की तलवार से मिलने से संबंधित कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली. जाहिर है अगर इस तरह की कोई भी खोज होती तो वह खबरों में जरूर होती.

इसके अलावा, वीडियो में इस्तेमाल की गई चारों तस्वीरों की तलवारें अलग-अलग थीं, इससे हमें अंदेशा हुआ कि वायरल दावा फर्जी है और ये तस्वीरें वास्तविक नहीं हैं. आगे हमने AI डिटेक्शन टूल ट्रूमीडिया पर चारों विजुअल्स की अलग-अलग पड़ताल की. 

ट्रूमीडिया ने इस सभी तस्वीरों के AI जनित होने की संभावना 99 प्रतिशत जताई. इसके मुताबिक, तस्वीरों में दिख रहे तलवार तुलनात्मक रूप से काफी बड़े हैं जो इसके काल्पनिक होने की और संकेत करते हैं. इन्हें डिजिटल हेरफेर के जरिए निर्मित किया गया है. नीचे तस्वीरों में इनका विस्तृत विश्लेषण देखा जा सकता सकता है.

तस्वीर: एक





तस्वीर: दो





तस्वीर: तीन


 



तस्वीर: चार 





इसके अतिरिक्त, हमने ट्रूमीडिया से संपर्क किया. उन्होंने पुष्टि की कि वीडियो काल्पनिक और AI जनरेटेड तस्वीरों का संकलन है, जिसे संगठन के समीक्षकों में से एक द्वारा सत्यापित किया गया है.

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