फैक्ट चेक

बिकिनी पहने दुल्हन की वायरल तस्वीर AI जनरेटेड है

बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि बिकिनी पहने दुल्हन की तस्वीर वास्तविक नहीं है. इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया है.

By - Jagriti Trisha | 28 Nov 2024 2:21 PM IST

AI generated photo of bride wearing bikini

सोशल मीडिया पर बिकिनी पहने एक दुल्हन की AI जनरेटेड तस्वीर वायरल हो रही है. इस तस्वीर को वास्तविक मानकर दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के लखनऊ में तमाम रूढ़ियों को तोड़ते हुए एक दुल्हन ने परंपरागत साड़ी की जगह बिकिनी पहनकर शादी की. 

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर में एक महिला पीले रंग की बिकिनी में चूड़ियां पहने और मेहंदी लगाए नजर आ रही है.

फेसबुक पर इसे वास्तविक तस्वीर मानते हुए एक यूजर ने शेयर किया,  'लखनऊ की दुल्हन ने शादी में बनारसी बिकिनी पहनकर रूढ़िवादी सोच को तोड़ा.' (अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद)


पोस्ट का आर्काइव लिंक.

वहीं एक्स पर तस्वीर को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'बुर्के और हिजाब पर पाबंदी बस इसी संस्कृति को बचाने के लिए है... अंधभक्तों की बहनें अब खुश हैं! आओ और बोलो कि लड़की के कपड़े छोटे नहीं तुम्हारी सोच छोटी है?'


पोस्ट का आर्काइव लिंक.

फैक्ट चेक 

लखनऊ में अपनी शादी में परंपरागत परिधान के बदले बिकिनी पहनने के दावे से एक दुल्हन की तस्वीर शेयर की जा रही है. बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह तस्वीर फर्जी है. इसे AI की मदद से बनाया गया है.

बूम ने वायरल तस्वीर का सोर्स जानने के लिए इसे गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया. इसके जरिए हम एक रेडिट अकाउंट 'DesiAdultfusion' तक पहुंचे, जहां 18 नवंबर 2024 को वायरल तस्वीर के अलावा इसी तरह की कई तस्वीरें शेयर की गई थीं.

इस सब-रेडिट अकाउंट पर यह स्पष्ट रूप से मेंशन था कि इसका उद्देश्य देसी कल्चर से संबंधित एआई जनरेटेड आर्टवर्क को प्रदर्शित करना है. इस तस्वीर के नीचे एक रेडिट यूजर का रिप्लाई भी देखा जा सकता है, जिसमें उसने 'बेस्ट यूज ऑफ AI' बताया जिसके जवाब में एक अन्य यूजर ने 'थैंक यू' लिखा.

रेडिट पोस्ट और रिप्लाई का स्क्रीनशॉट नीचे देखा जा सकता है.


इसके अतिरिक्त, नीचे वायरल तस्वीर से मिलती-जुलती वे तस्वीरें भी देखी जा सकती हैं, जिसमें समान बैकग्राउंड या समान कपड़ों में अलग-अलग दुल्हनें नजर आ रही हैं. 



पुष्टि के लिए हमने AI डिटेक्शन टूल ट्रूमीडिया पर भी तस्वीर की पड़ताल की. इस टूल के मुताबिक तस्वीर में हेरफेर और जनरेटिव AI के प्रयोग के पर्याप्त सबूत मौजूद हैं. परिणाम यहां देखें.



ट्रूमीडिया के अलावा, हमने एक अन्य एआई डिटेक्शन टूल, हाइव मॉडरेशन पर भी तस्वीर को चेक किया. इस टूल ने भी इसके एआई जनरेटेड होने की संभावना 90.2 प्रतिशत बताई.




Tags:

Related Stories