अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी इन दिनों भारत के सात दिवसीय दौरे पर हैं. उनका यह दौरा उस समय विवादों में आ गया जब 10 अक्टूबर को हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई. इसी बीच सोशल मीडिया पर कुछ यूजर एक तस्वीर को साझा करते हुए दावा कर रहे हैं कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकार मौजूद थीं.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत है. यह तस्वीर प्रेस कॉन्फ्रेंस की नहीं बल्कि विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम की है जिसमें अमीर खान मुत्ताकी शरीक हुए थे.
नई दिल्ली स्थित अफगानिस्तान दूतावास में आयोजित अमीर खान मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल नहीं किए जाने की घटना पर देशभर में काफी नाराजगी देखने को मिली. कांग्रेस ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए इसे महिला पत्रकारों का अपमान बताया. एक्स पर पोस्ट करते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की भी मांग की.
इसके बाद मुत्ताकी ने अपनी दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को आमंत्रित किया और पहली कॉन्फ्रेंस में उनकी गैर-मौजूदगी को टेक्निकल इश्यू बताया.
सोशल मीडिया पर क्या है वायरल?
महिला पत्रकारों की एंट्री पर प्रतिबंध को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार पर निशाना साधना शुरू किया, जिसके बाद एक्स और फेसबुक जैसे माध्यमों पर एक तस्वीर साझा की जाने लगी जिसमें विपक्ष को झूठा करार देते हुए दावा किया गया कि अमीर खान मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस महिला पत्रकार मौजूद थीं. (आर्काइव लिंक)
इस तस्वीर में एक हॉल में पुरुष के अलावा कुछ महिलाओं की उपस्थिति देखी जा सकती है. यूजर इसके साथ लिख रहे हैं, 'सच यह भी है कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला रिपोर्टर्स मौजूद थीं. फोटो देखिये और गिन लीजिये कितनी महिलाएं हैं... मुझे तो 8-10 दिख रही हैं. लेकिन मोदी विरोध के रोग से पीड़ित हमारे विपक्ष को नहीं दिखी.' (आर्काइव लिंक)
पड़ताल में क्या मिला:
तस्वीर प्रेस कॉन्फ्रेंस की नहीं है
रिवर्स इमेज सर्च के जरिए हमें एक अफगानी पत्रकार Abdullah Raihan के एक्स हैंडल पर यह तस्वीर मिली. इसके पश्तो भाषा के कैप्शन में इसे नई दिल्ली स्थित विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन (VIF) मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम का बताया गया था, जिसमें मुत्ताकी ने शिरकत की थी.
आगे VIF के आधिकारिक एक्स और फेसबुक पेज पर भी हमें इस कार्यक्रम की कई तस्वीरें मिलीं, जिनमें वायरल तस्वीर भी शामिल थी. VIF के मुताबिक यह कार्यक्रम 10 अक्टूबर 2025 को आयोजित किया गया था जिसमें दोनों देशों के बीच गहरे आर्थिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर बातचीत की गई. इस बातचीत के दौरान मुत्ताकी ने रवींद्रनाथ टैगोर की कहानी 'काबुलीवाला' का भी उल्लेख किया था.
विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन नई दिल्ली स्थित एक ऐसा थिंक टैंक है जो विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर काम करता है.
महिलाओं की अनुपस्थिति पर मुत्ताकी ने क्या कहा?
तालिबान के राजनीतिक चीफ सुहैल शाही ने इसपर सफाई देते हुए कहा कि किसी भी महिला पत्रकार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानबूझकर आने से नहीं रोका गया. पास की संख्या सीमित थी इसके चलते कुछ को मिला, कुछ को नहीं. यह एक तकनीकी मामला था और इसे नीतिगत मुद्दे के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.
मुत्ताकी ने 12 अक्टूबर को एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. इस बार महिला पत्रकारों को भी आमंत्रित किया गया. इस दौरान उन्होंने पहली कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की गैर-मौजूदगी पर बोलते हुए कहा, "यह एक तकनीकी मुद्दा था. वह कॉन्फ्रेंस शॉर्ट नोटिस पर बुलाई गई थी और आमंत्रित पत्रकारों की एक छोटी लिस्ट पेश की गई थी. हमारे सहयोगियों ने पत्रकारों की एक विशेष सूची को निमंत्रण भेजने का फैसला किया था."
इससे स्पष्ट है कि मुत्ताकी की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की मौजूदगी नहीं थी. एक अन्य आयोजन की तस्वीर को प्रेस कॉन्फ्रेंस का बताकर भ्रामक तरीके से पेश किया जा रहा है.


