HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
फैक्ट चेक

नहीं, यह कोवीड-19 की फ़र्ज़ी रिपोर्ट बनाने वाला अब्दुल नहीं उन्नाव का अमर है

बूम ने पाया कि हालांकि मुंबई पुलिस ने हाल ही में अब्दुल खान नामक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया था परन्तु वायरल तस्वीर में दिख रहा शख़्स कोई और है.

By - Saket Tiwari | 31 March 2021 5:36 PM IST

सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति की तस्वीर वायरल हो रही है. नेटिज़ेंस भ्रामक दावा कर रहे हैं कि यह मुंबई में कोवीड-19 (COVID-19) की फ़र्ज़ी रिपोर्ट्स (fake reports) बनाने पर गिरफ़्तार किए गए अब्दुल खान (Abdul Khan) की तस्वीर है. यह तस्वीर गिरफ़्तार किए गए अब्दुल खान को नहीं दिखाती.

बूम ने पाया कि वायरल हो रही तस्वीर दिसंबर 2020 में उत्तर प्रदेश के उन्नाव (Unnao, Uttar Pradesh) में ली गयी थी. कथित तौर पर अमर चौधरी नामक एक व्यक्ति को दिसंबर 2020 में फ़र्ज़ी कोवीड-19 की रिपोर्ट्स बनाने के जुर्म पर गिरफ़्तार (arrest) किया गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक़ अधिकतर रिपोर्ट्स कोवीड-19 नेगेटिव होने की रहती थीं.

इसके अलावा, मुंबई (Mumbai) की शिवाजी नगर (Shivani Nagar)  पुलिस ने एक पैथोलॉजी लैब के मालिक को 8 मार्च 2021 को गिरफ़्तार किया था. इस शख़्स का नाम है अब्दुल खान. "यह सब बेमतलब की बातें हैं. वो ऐसा केवल पैसों के लिए करता था. इसमें कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है," सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर, शिवाजी नगर, किशोर विश्वनाथ गायके ने बूम से कहा.

टीएमसी वर्कर्स को धमकाते हुए बीजेपी नेता भारती घोष की पुरानी वीडियो वायरल

अब नेटिज़ेंस दो अलग अलग घटनाओं को आपस में जोड़कर फ़र्ज़ी तरीके से दावा कर रहे हैं. उन्नाव की एक पुरानी घटना में गिरफ़्तार अमर नामक व्यक्ति की तस्वीर शेयर कर यूज़र्स लिख रहे हैं: "मुंबई का लैब तकनीशियन अब्दुल खान कोरोना निगेटिव हिंदुओं का पॉजिटिव रिपोर्ट बना रहा था, गिरफ्तार-हिंदुस्तान टाइम्स और कुछ लोग इसे गंगा जमुनी तहज़ीब बता के चादर ओड के सो जाएँगे"

नीचे कुछ पोस्ट्स देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहां और यहां देखें.


पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के नाम से फ़र्ज़ी ट्वीट वायरल

फ़ैक्ट चेक

बूम ने वायरल फ़ोटो को रिवर्स इमेज सर्च कर देखा और MP हिंदी न्यूज़ नामक एक वेबसाइट पर यही तस्वीर प्रकाशित मिली. यह लेख 16 दिसंबर 2020 को प्रकाशित हुआ था. इससे वायरल तस्वीर और सम्बंधित घटना के पुराने होने की पुष्टि होती है.

इसके बाद हमनें कीवर्ड्स खोज की और उन्नाव, उत्तरप्रदेश में 15 दिसंबर को गिरफ़्तार हुए संविदा स्वास्थ्य कर्मी अमर बहादुर चौधरी (Amar Bahadur Chaudhary) सहायक लैब टेक्नीशियन के बारे में कई रिपोर्ट्स मिली जिसमें यही वायरल तस्वीर प्रकाशित की गयी थी.

न्यूज़18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, "उन्नाव में जांच के बाद आने वाली कोरोना रिपोर्ट को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. यहां जिला अस्पताल में रुपये लेकर फर्जी कोविड रिपोर्ट बनाई जा रही थी. पुलिस ने फर्जी रिपोर्ट बनाने वाले संविदा स्वास्थ्य कर्मी अमर बहादुर चौधरी सहायक लैब टेक्नीशियन को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं जिला स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य कर्मी की सेवा समाप्त करने के लिए सेवा देने वाली कंपनी को पत्र भेजा है. सूत्रों की मानें तो फर्जी कोविड-19 रिपोर्ट बनाने के आरोप में पकड़ा गया व्यक्ति दूसरे नेगेटिव आने वाले व्यक्ति का सैंपल जांच के लिए भेज देता था, जिससे रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती थी, वहीं सूत्रों की मानें तो फर्जी रिपोर्ट बनाने के खेल में उसे हर रिपोर्ट के 1500 रुपए मिलते थे."

इसके अलावा हमें जागरण की भी एक रिपोर्ट मिली जिसे 15 दिसंबर 2020 को प्रकाशित किया गया था. इस रिपोर्ट में भी वायरल तस्वीर को प्रकाशित किया गया था.

क्या है मामला?

यह मामला दो लोगों की पहचान को मिला देने का है. एक मामला जो उन्नाव, उत्तर प्रदेश में हुआ था और करीब चार महीने पुराना है. वहीं दूसरा मामला है जो हाल ही में मुंबई में हुआ था.

वायरल कैप्शन

हालांकि वायरल कैप्शन का तस्वीर से कोई सम्बन्ध नहीं है पर कैप्शन में बताई गयी बात को एक अलग घटना से लिया गया है. यह मामला मुंबई के शिवाजी नगर में सामने आया है.

हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा 8 मार्च 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि मुंबई के शिवाजी नगर में पुलिस ने अब्दुल खान नामक एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया था. उसपर फ़र्ज़ी कोवीड-19 रिपोर्ट्स बनाने के आरोप पिछले साल अक्टूबर से लगाए जा रहे हैं.

कैप्शन में इसे साम्प्रदायिक कोण देने की कोशिश की गयी है. इसके चलते हमनें शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में पदस्थ सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर किशोर विश्वनाथ गायके से संपर्क किया. "यह सब बेमतलब की बातें हैं. वो ऐसा केवल पैसों के लिए करता था. फ़र्ज़ी रिपोर्ट्स में हिन्दू और मुस्लिम दोनों [धर्मों के लोगों की] रिपोर्ट्स बनाई गयी हैं तो इसमें कुछ सांप्रदायिक नहीं है," गायके ने बूम से कहा.

इस मामले के बारे में यहां पढ़ें.

Tags:

Related Stories