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फ़ैक्ट चेक

गांधी परिवार और भाजपा से जोड़कर आजतक के फ़र्ज़ी ट्वीट का स्क्रीनशॉट वायरल

वायरल ट्वीट के स्क्रीनशॉट में यह दावा किया गया है कि सीबीआई गांधी परिवार के ख़िलाफ़ एक भी भ्रष्टाचार का सबूत नहीं ढूंढ पाई और भाजपा को कोर्ट में गांधी परिवार से माफ़ी मांगनी पड़ी.

By -  Runjay Kumar |

11 July 2022 12:15 PM GMT

सोशल मीडिया पर इन दिनों टीवी न्यूज़ चैनल आजतक के नाम से एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट काफ़ी वायरल हो रहा है. वायरल ट्वीट के स्क्रीनशॉट में यह दावा किया जा रहा है कि सीबीआई गांधी परिवार के ख़िलाफ़ एक भी भ्रष्टाचार का सबूत नहीं ढूंढ पाई और भाजपा को कोर्ट में गांधी परिवार से माफ़ी मांगनी पड़ी.

वायरल हो रहे ट्वीट के स्क्रीनशॉट को सोशल मीडिया ख़ासकर फ़ेसबुक पर काफ़ी ज्यादा शेयर किया गया है.

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एक फ़ेसबुक यूज़र ने वायरल स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए लिखा है 'माफीवीर के वंशजों ने फिर माफी मांगी'.


वहीं एक अन्य फ़ेसबुक यूज़र ने भी इसी तरह के कैप्शन के साथ वायरल दावे को शेयर किया है.

वायरल पोस्ट यहां, यहां और यहां देखें.

फ़ैक्ट चेक

बूम ने वायरल हो रहे दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले इससे जुड़ी न्यूज़ रिपोर्ट को खोजना शुरू किया तो हमें ऐसी कोई न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें वायरल दावे का जिक्र हो.

हालांकि हमें नवभारत टाइम्स वेबसाइट पर जून 2022 में छपी एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने राहुल गांधी की पेशी से जुड़ी ख़बर थी. रिपोर्ट के अनुसार राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के सामने पेश हुए थे, जिसका कांग्रेस ने जमकर विरोध किया था.

हालांकि कहीं भी सीबीआई का जिक्र नहीं था और ना ही भाजपा द्वारा कोर्ट में माफ़ी मांगने का जिक्र था. इसके बाद हमने वायरल दावे को ट्विटर पर खोजना शुरू किया और हमने ट्विटर एडवांस सर्च की मदद ली. इस दौरान हमें आजतक के ट्विटर अकाउंट पर भी ऐसा कोई ट्वीट नहीं मिला.

जांच के दौरान ही हमें ट्विटर पर आजतक के वेरीफाईड ट्विटर हैंडल से 31 अगस्त 2021 को किया गया एक ट्वीट मिला, जिसमें वायरल हो रहे दावे का खंडन किया गया था. आजतक ने वायरल स्क्रीनशॉट को फ़र्ज़ी बताया था.


बूम ने पिछले साल भी इस वायरल दावे की पड़ताल की थी, जब इसे सोशल मीडिया पर फ़र्जी दावों के साथ शेयर किया जा रहा था. तब भी आजतक के नाम से ही एक ट्वीट के स्क्रीनशॉट में यह दावा काफ़ी वायरल था. हालांकि उस ट्वीट में समय और तारीख़ भी मौजूद थी. हमने वायरल दावे की जांच में यह पाया था कि सोशल मीडिया पर वायरल स्क्रीनशॉट फ़र्ज़ी है.

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