फैक्ट चेक

कर्नाटक में 40 साल पुराने पुल के ढहने का वीडियो मोदी सरकार से जोड़कर वायरल

वायरल वीडियो में दिख रहे पुल का निर्माण साल 1983 में हुआ था. 1983 में देश में कांग्रेस की सरकार थी, जबकि कर्नाटक में जनता पार्टी की सरकार थी.

By - Rishabh Raj | 9 Sept 2024 12:28 PM IST

Fact check of Kali Nadi bridge viral video

सोशल मीडिया पर टूटे हुए पुल का एक वीडियो वायरल है, जिसे शेयर करते हुए यूजर्स इसके निर्माण को मोदी सरकार के कार्यकाल से जोड़ रहे हैं. 

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है. वायरल वीडियो में दिख रहा पुल लगभग 40 साल पुराना था, जिसका उद्घाटन साल 1983 में कर्नाटक के तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री एच डी देवेगौड़ा ने किया था. 

गौरतलब है कि गोवा को कर्नाटक से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 66 पर कर्नाटक के उत्तरी कन्नड़ जिले में काली नदी पर बना पुल 6 अगस्त की रात को ढह गया था. पुल के ढहने की वजह से एक ट्रक नदी में गिर गया था. 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो को पोस्ट करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'बगल वाला जो कांग्रेस के लूट वाला पुल है वह जस का तस नहीं हुआ, सीना ताने खड़ा है और आज मोदी का एक और विकास डुबकी लगा दिया.' (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर भी यह वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)



फैक्ट चेक: 1983 में हुआ था निर्माण

सोशल मीडिया पर एक टूटे हुए पुल का वीडियो वायरल है. सोशल मीडिया यूजर्स इस पुल के निर्माण को मोदी सरकार के कार्यकाल से जोड़ कर शेयर कर रहे हैं. बूम ने अपनी जांच में पाया वायरल दावा गलत है. 

वायरल वीडियो की जांच के लिए हमने वीडियो के अलग-अलग कीफ्रेम को जब गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें न्यूज चैनल News9 के यूट्यूब चैनल पर इससे जुड़ी एक वीडियो रिपोर्ट मिली, जिसमें इसे कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के करवार में स्थित काली नदी का पुल बताया गया.

Full View

इसकी मदद से जब हमने इससे जुड़े कीवर्ड को गूगल पर सर्च किया तो हमें न्यूज वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया पर इसे जुड़ी एक रिपोर्ट मिली.

इस रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक के करवार में काली नदी पर लगभग 40 साल पुराना पुल 6 और 7 तारीख की दरम्यानी रात ढह गया. इस दौरान एक ट्रक चालक मुरुगन अपने ट्रक के साथ नदी में गिर गया, जिसे स्थानीय मछुआरों और पुलिस की मदद से सकुशल बचा लिया गया. इस पुल के बगल में एक और पुल है जिसका निर्माण साल 2018 में हुआ था, जिसे भी इस पुल के गिरने के बाद कुछ देर के लिए बंद कर दिया गया था. हालांकि, बाद में उसे चालू कर दिया गया था.



न्यूज वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स को उत्तर कन्नड़ जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) नारायण एम ने बताया कि पुल तीन चरणों में ढहा था. पहले चरण में पुल का एक भाग गिरा, जिसमें ट्रक ड्राइवर नदी में गिर गया और फिर अगले 10 मिनट में पुल के दो और भाग नदी में गिर गए.

इसके अलावा हमने वायरल दावे की पड़ताल के लिए उत्तर कन्नड़ के जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय से संपर्क किया. पुलिस अधीक्षक कार्यालय के एक अधिकारी ने बूम से कहा,  "वायरल वीडियो में दिख रहा पुल लगभग 40 साल पुराना था. इस पुल का निर्माण साल 1983 में ही हुआ था. यह काफी पुराना पुल था. 2018 में उसके बगल में एक नया पुल बना था, जो पूरी तरह चालू है."

एच डी देवगौड़ा ने किया था उद्घाटन

न्यूज वेबसाइट द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस पुल का निर्माण कार्य साल 1965 में शुरू हुआ था जबकि 1983 में इसे जनता के लिए खोला गया. इसका निर्माण कार्य राज्य सरकार ने 4 करोड़ की लागत से करवाया था. इस पुल का उद्घाटन कर्नाटक के तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री एच डी देवगौड़ा ने किया था. साल 2013 में इस पुल को एनएचएआई को सौंप दिया गया था.

बता दें कि 1983 में देश में कांग्रेस की सरकार थी और इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं. उस वक्त कर्नाटक में जनता पार्टी की सरकार थी और रामकृष्ण हेगड़े कर्नाटक के मुख्यमंत्री थे. एच डी देवगौड़ा रामकृष्ण हेगड़े की सरकार में लोक निर्माण मंत्री थे.

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