फैक्ट चेक

हरयाणा चुनाव के दौरान इ.वी.एम घोटाले की खबरें फ़र्ज़ी हैं: शाहाबाद एस.डी.एम

बूम ने शाहबाद एस.डी.एम से बात की जिन्होंने इ.वी.एम से छेड़छाड़ के आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा की जीप सरकारी काम्प्लेक्स में ही खड़ी थी

By - Saket Tiwari | 23 Oct 2019 6:14 PM IST

EVM-Haryana-Fake

फ़ेसबुक पर तीन दिनों से एक वीडियो वायरल हो रहा है | इस वीडियो में HR 07 J 4119 रजिस्ट्रेशन की एक बोलेरो जीप दिखाई दे रही है जिसमें कई इ.वी.एम रखी हुई हैं | ड्राइवर सीट पर कोई नहीं है और एक भीड़ इसके इर्द गिर्द घूम रही है | वीडियो रिकॉर्ड किये गए हैं |

इसके अलावा, वीडियो फ़ेसबुक पर 12,000 से ज़्यादा बार शेयर किया जा चूका है, साथ ही कैप्शन में लिखा है: "शाहबाद मारकंडा में नकली EVM मशीने पकड़ी गई | दावा है B.J.P वालों की हरकत"

यह वीडियो इस कैप्शन के साथ भी वायरल है: "बड़ी खबर @ @ रात 10 बजे शाहबाद में पकड़ी गयी कयी evm मशीनें । आखिर हो क्या रहा है ये इस देश में औऱ क्यूँ खुद सरकारें करवा रही हैँ इतना भ्रष्टाचार । देश के प्रधानमंत्री से ले कर मुख्यमन्त्री मनोहर भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात करते हैँ पर आज लोकतन्त्र की हत्या खुद उनकी ही सरकार में उनके ही लोग कर रहे हैँ ।"

बूम को यह वीडियो अपने हेल्पलाइन (7700906111) पर भी प्राप्त हुआ जहाँ इसके पीछे की सच्चाई के बारे में पूछा गया है |

WhatsApp screenshot for EVM story

बूम ने शाहाबाद के उप प्रभागीय न्यायाधीश (एस.डी.एम) राजीव प्रसाद से इस बारे में बात की जिन्होंने कहा की "यह सरकारी परिसर में खड़ी जीप है, आप कहीं भी घुस कर फ़र्ज़ी दावे नहीं कर सकते |"

आप इन पोस्ट्स को नीचे देख सकते हैं |

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इन पोस्ट्स के आर्काइव्ड वर्शन यहाँ और यहाँ देखें |

राजीव प्रसाद ने मामले की जानकारी देते हुए कहा: "यह दावे सरासर ग़लत हैं | यह सारी इ.वी.एम ख़राब हैं जो मॉक वोटिंग में ख़राब हुई वाली मशीनें हैं | मॉक वोटिंग वास्तविक चुनाव से पहले होता है ताकि पता चल सके की मशीनें और वी.वी.पी.ए.टी सही फल दे रहीं हैं |"

"यहाँ आर्या कन्या महाविद्यालय है जहाँ से चुनाव आयोजित हुए थे जो वीडियो में पीछे दिख रहा है | इस महाविद्यालय को आधिकारिक तौर से डिस्बर्सल और रिसीविंग केंद्र बनाया था | यहाँ से इ.वी.एम जाती हैं और [चुनाव हो जाने पर] यही लौट कर आती हैं | कल यहीं पर वोटें गिनी जाएंगी | दो स्ट्रांग रूम [इ.वी.एम और जरूरी सामान रखने वाले कक्ष] यहाँ बने हुए हैं और एक स्ट्रांग रूम कुछ 1.5 किलो मीटर दूर है," प्रसाद ने बताया |

उन्होंने आगे कहा की यदि आप उस वायरल वीडियो को ध्यान से देखेंगे तो आपको दिखेगा की जीप प्राइवेट नहीं है | यह हरयाणा सरकार की जीप है | चुनाव के चलते यहाँ पर धारा 144 [कर्फ्यू] लगी हुई थी और कोई भी बाहर का शख़्स अंदर नहीं आ सकता था | चुनाव शांति से हुए पर रात होते ही एक भीड़ सुरक्षा घेरे को तोड़ कर अंदर आयी और वीडियो रिकॉर्ड कर यह अफवाहें फैलाने लगी की इ.वी.एम पकड़ी गयीं या नकली इ.वी.एम हैं |

यहाँ कूल 24 अफसर थे जिनका काम था इ.वी.एम लेजाना और यदि कोई खराब मशीनें हैं तो उन्हें वापिस जमा करना था | ऐसी ही एक जीप यह है जो वीडियो में देखी जा सकती है | यह जीप चुनाव ड्यूटी पर मौजूद अफसर की जीप है |

बूम ने जब इसपर आगे की कार्यवाही के बारे में पूछा तो राजीव प्रसाद ने कहा, "यह लोग शरारती तत्व हैं | हम पुलिस से बात कर रहे हैं और इसपर कार्यवाही करेंगे | इनपर धारा 144 का उलंघन और आई.टी एक्ट के प्रोविशंस के अंतर्गत कार्यवाही करवाई जाएगी |"

इसके अलावा हमनें समाचार लेखों को भी खोजा और कहीं भी किसी तरह से चुनाव में गड़बड़ी वाली ख़बर हमें नहीं मिली |

हरयाणा चुनाव आयोग

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