फ़ेसबुक पर एक तस्वीर वायरल हो रही है | इसमें रवीश कुमार की फ़ोटो के साथ लिखा है, "एक मासूम आदमी को इसलिए परेशान किया जा रहा है क्योंकि उनकी आघोषित संपत्ति 20,000 करोड़ रूपए है | जो दुनिआ के 39 की जीडीपी से भी ज्यादा है | हमें तो अब यह चैलेंज देने की हालत में भी नहीं छोड़ा गया की कुछ बोल सकें 'भ्रस्टाचार किया है तो जेल में बंद करके दिखाओ'"|
इस तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है: ये देखें रवीश कुमार का बकवास, ये कभी नहीं सुधरेगा, पत्रकार होकर निष्पक्ष पत्रकारिता कभी नहीं कर सकता, पत्रकार हैं या राजनीतिज्ञ ??? अरे कभी तो सरकार को उसके कामों के लिए बड़ाई कर दो | (Sic)
आपको बता दें की यह दावा झूठा है | बूम को रवीश कुमार ने बताया की उन्होंने ऐसा कुछ नहीं बोला है |
फ़ेसबुक पोस्ट आप नीचे देख सकते हैं एवं इसका आर्काइव्ड वर्शन यहाँ देखें |
फ़ैक्ट चेक
बूम ने एन.डी.टी.वी. के वरिष्ठ पत्रकार एवं हाल ही रमोन मैग्सेसे पुरष्कार विजेता पत्रकार रवीश कुमार से बात की जिन्होंने इस दावे को खारिज करते हुए कहा, "मैंने तो ऐसा कुछ बोला नहीं है" | हमनें रवीश कुमार के शो 'प्राइम टाइम' का वीडियो भी देखा जिसमें उन्होंने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है|
फ़ेसबुक पर वायरल दावे को कई मज़ाकिया तौर पर पोस्ट किया गया समझ सकते हैं | हालांकि कमेंट सेक्शन में कई लोग इस फ़र्ज़ी बयान को सच मान रहे हैं | कोई उन्हें अभद्र भाषा में देश द्रोही कह रहा है तो कोई गालियां दे रहा है | लेख के लिखे जाने तक इस पोस्ट पर 380 कमेंट किये गए एवं 900 से ज्यादा बार शेयर किया गया | कमैंट्स ज्यादातर अभद्र भाषा में किये गए हैं |
सोशल मीडिया पर पहले भी कई प्रख्यात लोगों के नाम से फ़र्ज़ी दावे वायरल होते रहे हैं |
पढ़ें बूम की रिपोर्ट: Fake Quote Claims Kangana Ranaut Slammed Shabana Azmi With Anti-Islam Rant
क्या है आई.एन.एक्स मीडिया मामला?
आई.एन.एक्स मीडिया 2007 में शुरू हुआ था | पीटर मुखर्जी और इन्द्राणी मुखर्जी के इस मीडिया हाउस को विदेशी इन्वेस्टमेंट मिला जो कथित तौर पर गैर कानूनी था | इन दस सालों में इस मामले न कई मोड़ देखे है | यहाँ और यहाँ पढ़ें | सीबीआई ने 2017 में कांग्रेस नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम पर मनी लॉन्डरिंग मामले में शामिल होने आरोप लगाया | इसके अलावा पी.चिदंबरम पर भी वित्तीय धोखाधड़ी का आरोप है | 22 अगस्त 2019 की रात सीबीआई और एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने उन्हें गिरफ़्तार किया जिसके चलते पी. चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी | द हिन्दू की एक रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम प्रोटेक्शन दिया है | इस मामले को यहाँ पढ़ें |