दावा: ऑल इंडिया मजलिस-ऐ-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ये बयान दिया: "यदि सेंट्रल गवर्नमेंट सात रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमार निर्वासित करता है तो उन्हें मुझे भी देश से निकालना होगा"
रेटिंग: झूठ रोहिंग्या शरणार्थियों के म्यांमार निर्वासन पर चर्चाएं ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही हैं | और इन्ही चर्चाओं के साथ कुछ फ़ेक पोस्ट्स भी वायरल होते जा रहे हैं | ऐसा ही एक पोस्ट, जिसे पॉलिटिक्स टुडे नाम के एक फेसबुक पेज पर करीब 1,300 से ज़्यादा शेयर्स मिलें हैं, ये दावा करते नज़र आ रहा है की ए.आई.ऍम.आई.ऍम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सात रोहिंग्या मुस्लिमों के निर्वासन के मुद्दे पर एक विवादास्पद बयान दिया है |
पोस्ट कहता है "मोदीजी इनकी कामना शीघ्र पूरी करें" "और कांग्रेस इनका (ओवैसी) समर्थन करती है" गौरतलब बात ये है की इस पूरे पोस्ट को हु-ब-हु एन.डी.टी.वी. के टेम्पलेट जैसे दिखने वाले एन.टी.डी.वी. (एक पैरोडी हैंडल) के टेम्पलेट पर शेयर किया जा रहा है ताकि इसकी वास्तविकता बनी रहे | पोस्ट के अंत में लिखा है: "ये वही इंसान है जिसने आतंकवादियों को कानूनी मदद मुहैया कराई थी |" कौन से आतंकवादी और कैसी कानूनी मदद, इस पर कोई भी स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है | हालाँकि जब बूम ने ए.आई.ऍम.आई.ऍम के पि.आर.ओ मोहम्मद तौसीफ से बात की तो उन्होंने असद के ऐसे किसी भी बयान देने से साफ़ इंकार किया |
क्या है रोहिंग्या प्रकरण? अनुमानित तौर पर तक़रीबन चालीस हज़ार रोहिंग्या, म्यांमार के बौद्ध-बहुसंख्य राखिने प्रांत में चल रहे उत्पीड़न से बच कर निकले हुए अल्पसंख्यक मुस्लिम, इस वक्त भारत में रह रहे हैं | जिन सात रोहिंग्याओं को निर्वासित करने की बात पिछले कुछ दिनों से चल रही थी, वो वर्ष २०१२ से भारत में अवैध प्रवेश के लिए जेल में हैं | ज्ञात रहे की भाजपा सरकार ने रोहिंग्याओं को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए उनकी शिनाख्त करके उन्हें निर्वासित करने का फैसला लिया है | रोहिंग्या शरणार्थियों पर विस्तार में रायटर्स का ये लेख पढ़े | जबकि असद ने अपने बयान में भारत सरकार के इस फैसले की आलोचना की है, उन्होंने कहीं भी ये नहीं कहा की भारत सरकार उन्हें भी निर्वासित करे |