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फ़ैक्ट चेक

क्या वाकई कपिल सिबल ने कहा है की विजय माल्या को अभी भारत ना भेजा जाए ?

सटायर वेबसाइट के आर्टिकल को फ़ेसबुक पर किया गया गलत सन्दर्भ में वायरल

By - Archis Chowdhury | 28 Feb 2019 12:12 PM GMT

"माल्या को भारत ना भेजें | ऐसा करने से भारत में होने वाले चुनावों पर असर पड़ेगा," कपिल सिबल - ये दावा इन दिनों फ़ेसबुक के कई पेजेज़ से वायरल हो रहा है |

आपको बता दें की कपिल सिबल को एट्रिब्यूट किया गया यह क्वोट दरअसल एक सटायर वेबसाइट द्वारा अपने एक व्यंगात्मक रिपोर्ट में इस्तेमाल किया गया था | इस क्वोट का सिबल से कोई लेना देना नहीं है |

हालाँकि फ़ेसबुक यूज़र्स ने इस पोस्ट को यह दावा करते हुए शेयर किया है कि कपिल सिब्बल ने 'भगोड़े' विजय माल्या का बचाव करते हुए ब्रिटेन की अदालत में याचिका दायर की है।

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जब बूम ने इस हैडलाइन में इस्तेमाल किये गए शब्दों को कीवर्ड्स के तौर पर गूगल सर्च किया तो हमें ओरिजिनल रिपोर्ट मिला | यह रिपोर्ट फ़ेकिंग न्यूज़ नामक स्टायरिकल वेबसाइट पर पब्लिश हुई थी |

Screenshot of the original article by Faking News

फ़ेकिंग न्यूज़ के मूल लेख का स्क्रीनशॉट

फ़ेकिंग न्यूज़ के एक डिस्क्लेमर में बहुत स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि इस वेबसाइट पर मौजूद सामग्री फिक्शन का काम है और इसे "न्यूज़ रिपोर्ट" नहीं माना जाना चाहिए।

Screenshot of the homepage of Faking News with the disclaimer.

डिस्क्लेमर के साथ फ़ेकिंग समाचार के मुखपृष्ठ का स्क्रीनशॉट।

हालांकि फ़ेसबुक यूज़र्स और पेजों पर किये गए पोस्ट ने इस जानकारी का खुलासा नहीं किया है।

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फ़ेसबुक यूज़र्स ने इसे सच मानते हुए कमैंट्स सेक्शन में काफी आक्रोश जताया है |


Screenshot of the comments on the post made by the "नरेंद्र मोदी" page

"नरेंद्र मोदी" पृष्ठ द्वारा की गई पोस्ट पर टिप्पणियों का स्क्रीनशॉट

कुछ लोगों ने फ़ेकिंग न्यूज़ के मूल आर्टिकल को शेयर कर बताया कि यह आर्टिकल एक व्यंग्य था।





ब्रिटिश गृह सचिव साजिद जाविद द्वारा भगोड़े और पूर्व अरबपति विजय माल्या के भारत वापस लाने के समर्थन के एक दिन बाद यह बात सामने आई है। माल्या को उनके प्रत्यर्पण आदेश की अपील के लिए 14 दिन का समय दिया गया था।

इस घटना को आगामी चुनावों से आगे मोदी सरकार के लिए एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है।

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