कोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से आ रही एक बड़ी खबर ये है कि राज्य सरकार ने प्रदेश में आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (Essential Services Maintenance Act) की समयावधि अगले छह महीनों (six months) के लिए बढ़ा दी है |
ज्ञात रहे कि इसी साल मई 22 को उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में ESMA (एस्मा) लागु किया था जिसकी अवधी नवंबर 22 को समाप्त हुई थी |
ज़रूरी बातें
- इसी साल मई 22 को यूपी सरकार ने एस्मा लागू किया था ताकि सरकार कर्मचारी हड़ताल पर ना जा सके
- अगले छह महीनों तक राज्य में एस्मा लागू रहेगा
- इस दौरान सरकारी कर्मचारी किसी भी तरह की हड़ताल पर नहीं जा सकते अन्यथा उनके खिलाफ़ पुलिस कार्यवाही हो सकती है
- कोरोना काल के संकट के मद्देनज़र लिया गया है फ़ैसला
क्या है एस्मा (ESMA)?
आपको बता दें कि आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (ESMA) के तहत इसके लागू होने के समयावधि तक कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी तरह की हड़ताल (strike) पर नहीं जा सकते | इस एक्ट के प्रावधानों का उलन्घ्न्न करने वालो को पुलिस बगैर वारंट के गिरफ़्तार कर सकती है |
इस एक्ट के लागू रहते 'Essential Services' जैसे की टेलीग्राफ़, रेलवे, एयरपोर्ट इत्यादि में काम करने वाले कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जा सकते |
एस्मा (ESMA) के अंतर्गत अगर कोई भी व्यक्ति किसी को हड़ताल के लिए उकसाता है या हड़ताल को बढ़ावा देता है तो उसे एक वर्ष की क़ैद या एक हज़ार रूपए की पेनाल्टी अथवा दोनों की सज़ा हो सकती है |
क्यों लागू हुआ एस्मा?
अगर न्यूज़ रिपोर्ट्स की माने तो राज्य में एस्मा (ESMA Act) कोरोना के बढ़ते मामलो के बाबत लगाया गया है | अब तक उत्तर प्रदेश में कोरोना के 5,31,000 मामले मिल चुके हैं और कोविड-19 से 7615 मौतें हो चुकी हैं |
एस्मा लागू होने के सन्दर्भ में जारी सरकारी आर्डर के अनुसार ये अगले छह महीने तक फ़ोर्स में रहेगा |