रोज़मर्रा

'समय से मुठभेड़' करने वाले शायर अदम गोंडवी का आज जन्मदिन है

आज़ादी के बाद हिंदुस्तान की राजनीति के सच को गरीब और मज़दूर के नज़रिये से कविता में लिखने वाले कवि अदम गोंडवी का आज 74वाँ जन्मदिन है

By - Devesh Mishra | 22 Oct 2021 7:42 PM IST

समय से मुठभेड़ करने वाले शायर अदम गोंडवी का आज जन्मदिन है

हिंदी भाषा में बहुत कम ऐसे कवि या शायर हुए जिनका लेखन सिस्टम और समाज की बुराइयों को सीधा-सीधा चुनौती देता हो.अदम गोंडवी एक ऐसे ही शायर हैं जो अपने समय की क्रूर सच्चाई को बेबाक़ लिखते थे.

अदम गोंडवी का जन्म 22 अक्टूबर 1947 को उत्तर प्रदेश के गोंडा ज़िले के अट्टा, परसरपुर गाँव में हुआ था. एक गरीब किसान परिवार में जन्मे अदम गोंडवी ने हिंदी में ऐसी कवितायें लिखीं जो हाशिए की जातियों, दलितों, गरीब लोगों की दुर्दशा को उजागर करती हैं.

अदम गोंडवी का असली नाम रामनाथ सिंह था लेकिन लोग उन्हें हमेशा साहित्यिक जगत और सामाजिक जीवन में हमेशा अदम गोंडवी के नाम से ही जानते रहे. उनकी कई रचनाएं काफ़ी लोकप्रिय हुईं और उनकी प्रमुख कृतियों में धरती की सतह पर, समय से मुठभेड़ आदि कविता संग्रह शामिल है. अदम गोंडवी की रचनाओं में राजनीति और व्यवस्था पर किए गए कटाक्ष काफ़ी तीखे हैं. उनकी शायरी में जनता की गुर्राहट और आक्रामक मुद्रा का सौंदर्य नजर आता है. साल 1998 में उन्हें मध्य प्रदेश सरकार ने दुष्यंत पुरस्कार से सम्मानित किया था.

आइये उनकी कुछ चुनिंदा रचनाओं पर नज़र डालते हैं.

(1) आइए महसूस करिए ज़िन्दगी के ताप को

मैं चमारों की गली तक ले चलूँगा आपको


(2) जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिये

आप भी इस भीड़ में घुस कर तमाशा देखिये


(3) वेद में जिनका हवाला हाशिये पर भी नहीं

वे अभागे आस्‍था विश्‍वास लेकर क्‍या करें


(4) हिन्दू या मुस्लिम के अहसासात को मत छेड़िये

अपनी कुरसी के लिए जज़्बात को मत छेड़िये


(5) तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है

मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है



 


Tags:

Related Stories