गुरुवार को नोबेल कमेटी की तरफ़ से घोषणा की गई कि इस साल के साहित्य का नोबेल पुरस्कार तंज़ानिया के लेखक Abdulrazak Gurnah को मिला है.
Gurnah को ये पुरस्कार उपनिवेशवाद के प्रभावों और एक शरणार्थी के रूप में अफ्रीकी देशों के साथ साथ विकसित देशों की संस्कृतियों के बारीक अध्ययन के लिये दिया गया है. Gurnah के लेखन में उपनिवेशनाद के प्रभाव और विकसित देशों के बीच की खाई में शरणार्थियों की समस्या का मार्मिक चित्रण मिलता है.
नोबेल कमेटी ने कहा कि Gurnah के लेखन में "उपनिवेशवाद के प्रभावों और संस्कृतियों और महाद्वीपों के बीच की खाई में एक शरणार्थी के रूप में उनके भाग्य की अडिग और करुणामय पैठ है."
मूल रूप से तंज़ानिया के रहने वाले Abdulrazak Gurnah(73) का जन्म 1948 में हुआ था और वे जंजीबार द्वीप पर पले-बढ़े. लेकिन 1960 के दशक के अंत में एक शरणार्थी के रूप में वह इंग्लैंड पहुंचे. Gurnah के चौथे उपन्यास 'paradise' (1994) ने उन्हें एक लेखक के रूप में पहचान दिलाई थी. उन्होंने 1990 के आसपास पूर्वी अफ़्रीका की एक शोध यात्रा के दौरान यह लिखी थी.1986 में Wole Soyinka के बाद Gurnah दूसरे ऐसे ब्लैक अफ़्रीकी समुदाय के लेखक हैं जिन्हें साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला है.
Gurnah कैन्टबरी स्थित University of Kent में Postcolonial literature और अंग्रेज़ी के प्रोफ़ेसर भी थे. उन्होंने लगभग 10 उपन्यास लिखे जिसमें Paradise और Desertion जैसे उनके कालजयी उपन्यास भी शामिल हैं.
नोबेल कमेटी ने बुधवार को Chemistry में नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नाम भी जारी किये थे. Benjamin C और David W.C. Macmillan ने साझा रूप से इस पुरस्कार को प्राप्त किया. इन दोनों वैज्ञानिकों ने मॉलिक्यूलर कंस्ट्रक्शन के लिए एक सटीक और नया उपकरण विकसित किया है. इस उपकरण का फार्मास्युटिकल रिसर्च पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है.
नोबेल पुरस्कार नोबेल फ़ाउंडेशन द्वारा स्वीडिश वैज्ञानिक Alfred Nobel की याद में 1901 से साहित्य, विज्ञान, अर्थशास्त्र और कई अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट सामाजिक काम करने वाले लोगों को दिया जाता है. इस पुरस्कार के रूप में प्रशस्ति-पत्र के साथ 10 लाख डालर की राशि प्रदान की जाती है.