रेट्रोग्रेड बैंकिंग रिफॉर्म्स (retrograde banking reforms) यानी पतित सुधार और निजीकरण के ख़िलाफ़ यूनाइटेड फ़ोरम ऑफ़ बैंक यूनियन (United Forum of Bank Union) ने दो दिन की हड़ताल आज से शुरू की है. यह फ़ोरम नौ अन्य बैंक यूनियंस के समूह से बनी एक umbrella body है.
रिपोर्ट्स की माने तो इस हड़ताल में 10 लाख के करीब बैंक कर्मी हिस्सा लेने जा रहे हैं.
कौन-कौनसे यूनियन हिस्सा लेंगे?
हड़ताल में हिस्सा लेने वाले संघों में निम्न संघ शामिल हैं.
All India Bank Officers' Confederation (AIBOC), All India Bank Employees Association (AIBEA), National Confederation of Bank Employees (NCBE), All India Bank Officers' Confederation (AIBOC), Bank Employees Federation of India (BEFI), Indian National Bank Employees Federation (INBEF), Indian National Bank Officers' Congress (INBOC) and National Organisation of Bank Officers (NOBO) and the National Organisation of Bank Workers (NOBW)
समान्य जीवन पर इसका क्या फ़र्क पड़ेगा:
बैंकों में निम्न सेवाएं बन्द रहेंगी:
- बैंक शाखाओं पर राशि जमा करना या निकालना (Deposit or Withdrawal)
- चेक क्लीयरेंस (Cheque Clearance)
- लोन संबंधित सेवा (Loan approval)
हालांकि एटीएम खुले रहने की संभावना है. इस हड़ताल में निजी बैंक्स (private banks) हिस्सा नहीं ले रहे हैं. निजी बैंक्स के काम सामान्य होंगे.
क्यों हो रही है हड़ताल?
यह हड़ताल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने के वक़्त दिए एक भाषण से संबंधित है. उन्होंने अपने भाषण में दो पब्लिक सेक्टर बैंकों को निजी करने का कहा था. ऐसा विनिवेश कर करीब 1.75 लाख करोड़ रुपये पैदा करने की केंद्र की नीति है.
पिछले चार सालों में सरकार ने 14 पब्लिक सेक्टर बैंक्स को मिला दिया है. 2019 में आई.डी.बी.आई (IDBI) बैंक के मेजोरिटी शेयर बेच कर उसे निजी कर दिया है.
हड़ताल इसी निर्णय/निर्णयों के ख़िलाफ़ है.
केवल बैंक यूनियन हड़ताल नहीं करेंगे
इन दो दिनों में बैंक हड़ताल ख़त्म होने के बाद 17 मार्च को 4 जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के यूनियंस हड़ताल करेंगे. लाइफ़ इंश्योरेंस कार्पोरेशन यानी (LIC) के सारे यूनियंस 18 मार्च को हड़ताल करेंगे.