उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के सैंम्पलों की जीनोम सीक्वेंसिंग (genome sequencing) के दौरान दो नमूनों में कोरोना वायरस के कप्पा (Kappa) वेरिएंट की पुष्टि हुई है.
हिंदुस्तान टाइम्स में छपे एक रिपोर्ट के अनुसार राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई अधिकारियों की बैठक के बाद जारी सरकारी बयान के मुताबिक ''विगत दिनों केजीएमयू (King George Medical University) में 109 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई. प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक 107 सैंपल में कोविड की दूसरी लहर वाले पुराने डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि ही हुई है, जबकि 2 सैंपल में कप्पा वेरिएंट पाया गया.''
क्या है कप्पा वैरिएंट, जानिए इससे जुड़ी कुछ प्रमुख बातें
- विश्व स्वास्थ्य संगठन की SARS-Cov-2 ट्रैकिंग वेबसाइट के अनुसार कप्पा कोई नया वेरिएंट नहीं है. ये वेरिएंट सबसे पहले भारत में 20 अक्टूबर 2020 को पाया गया था. इस सूची में कप्पा को (B.1.617.1) जबकि डेल्टा को (B.1.617.2) से चिंन्हित किया गया है
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फ़िलहाल इस वायरस को बड़ा ख़तरा नहीं बताया है. जैसा कि Lambda वोरिएंट है जो कि लगभग 30 देशों में अब तक फैल चुका है
- इस वेरिएंट को VOC यानी वेरिएंट ऑफ कंसर्न की जगह VOI यानी वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट की श्रेणी में रखा गया है
- कप्पा वेरिएंट अपने दो म्यूटेशन EE484Q और L452R की वजह से डबल म्यूटेंट है. डबल म्यूटेंट, वायरस का वह रूप है जिसके जीनोम में दो बार बदलाव हो चुका है. दरअसल, वायरस अपनी जेनेटिक संरचना में बदलाव लाते रहते हैं ताकि वह लंबे समय तक प्रभावी रह सकें
- ये दोनों ही म्यूटेंट पहले ब्राज़ील और दक्षिण अफ़्रीका में तेज़ी से फैल चुके हैं जिनसे मिलकर अब कप्पा वेरिएंट बना है
- इस वेरिएंट में L452R नाम का भी एक म्यूटेंट है जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है और वायरस को आसानी से फैलने देता है
- कप्पा वेरिएंट का ये भारत में पहला केस नहीं है. अक्टूबर 2020 में भी इस जीनोम के वेरिएंट मिल चुके हैं
- कप्पा और डेल्टा दोनों ही वेरिएंट भारत में मिले. डेल्टा अप्रैल 2021 तक VOI यानि वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट था जबकि मई 2021 में VOC यानि वेरिएंट ऑफ कंसर्न बन गया. कप्पा फ़िलहाल VOI की श्रेणी में है.
- The Quint की एक ख़बर के अनुसार उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) ने न्यूज़ एजेंसी PTI को बताया कि "कप्पा स्वरूप कोई नई बात नहीं है, पहले भी इस स्वरूप के कई मामले सामने आ चुके हैं, इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है, यह कोरोना वायरस का एक सामान्य स्वरूप है और इसका इलाज संभव है."
- भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर भी डेल्टा वेरिएंट के प्रभुत्व के कारण थी। डेल्टा प्लस नाम का डेल्टा का एक और वैरिएंट अब भारत सहित कई देशों में उभरा है
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