यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) ने अचानक कठोर लॉकडाउन (lockdown) कर दिया है | यह लॉकडाउन नोवेल कोरोनावायरस (novel coronavirus) के एक नए प्रकार (new type) के पाए जाने के कारण हुआ है | नए प्रकार को SARS-CoV-2 स्ट्रेन B.1.1.7 नाम दिया गया है |
इस खबर के चलते भारत (India) सहित दस देशों ने यु.के से यात्रा (flights) पर प्रतिबन्ध लगाया है | सूची में देशों की संख्या बढ़ रही है | मिनिस्ट्री ऑफ़ सिविल एविएशन (Ministry of Civil Aviation) ने ट्वीट कर इस बात की सूचना दी कि भारत-यु.के के बीच यात्रा पर प्रतिबन्ध होगा |
सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने एक ट्वीट में कहा कि, "एहतियात के उपाय के रूप में, सभी पारगमन उड़ानों (उड़ान भर चुकी या भारत के लिए यु.के से उड़ान भरने वाले हवाईजहाजों में आने वाले यात्री, जो 22 दिसंबर को 23.59 बजे से पहले भारत पहुंच रहे हैं) को संबंधित विमान सेवा के आगमन पर आरटी-पीसीआर परीक्षण अनिवार्य है।"
यह प्रकार क्यों चिंताजनक है?
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ तीन बातें साथ में होने की वजह से यह प्रकार अपनी ओर ध्यान खिंच रहा है |
- - यह वायरस के अन्य वर्शनों पर हावी है
- - इस स्ट्रेन में वायरस के मुख्य भागों में 'म्युटेशन' यानी 'उत्परिवर्तन' है
- - वायरस को कोशिकाओं को संक्रमित करने की क्षमता बढ़ाने के लिए उन म्यूटेशनों में से कुछ को प्रयोगशाला में पहले ही दिखाया जा चुका है
माना जा रहा है कि इन तीन बातें साथ में होने से वायरस तेज़ी से फैलने में सक्षम है | हालांकि बीबीसी रिपोर्ट में उल्लेख करता है कि वे यकीन से नहीं कह सकते हैं |
कब पाया गया यह स्ट्रेन?
बीबीसी के अनुसार, सबसे पहले सितम्बर में इस प्रकार से संक्रमित मामला सामने आया था | लंदन में नवंबर तक इस प्रकार से संक्रमित मामलों कि संख्या एक चौथाई (26%) थी | यह मध्य दिसंबर तक करीब 70 फीसदी हो गयी |
मिल्टन केनेस लाइटहाउस लेबोरेटरी (Milton Keynes Lighthouse Lab) के अनुसार नए प्रकार का हावी होना नीचे ग्राफ़ में देखा जा सकता है |
यूनिवर्सिटी ऑफ़ एडिनबर्ग (University of Edinburgh) में मॉलिक्यूलर एवोलुशनारी बायोलॉजिस्ट डॉ एंड्रू रामबाउट ने साइंस मैगज़ीन से कहा, "B.1.1.7 के जींस में आठ म्यूटेशन होते हैं जो स्पाइक प्रोटीन के लिए कोड होते हैं जो वायरस को होस्ट पर तेजी से जुड़ने में मदद करते हैं। इससे पहले, यूरोप में पाया गया एक D614G उत्परिवर्तन तेजी से फैलने में वायरस की मदद करने के लिए पाया गया था। यह नया संस्करण जो वायरस की संक्रामकता को और बढ़ाता है, यह बताता है कि दिसंबर 2019 में उभरे इस नए कोरोनावायरस के बारे में अध्ययन करने के लिए बहुत कुछ है।"
टीके पर प्रभाव
यह निश्चित करने के लिए की नया प्रकार उपलब्ध टीकों और जो टीके मान्यताप्राप्त हैं पर असर न करे, यूनाइटेड स्टेट्स के वाल्टर रीड आर्मी इंस्टिट्यूट (Walter Reed Army Institute) के वैज्ञानिक नए प्रकार की आनुवांशिकी का कंप्यूटर विश्लेषण (Computer Analysis) कर रहे हैं।
यू.के के प्रधानमंत्री और चीफ वैज्ञानिक का मानना है कि यह प्रकार टीकों पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा । एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पैट्रिक वालेस ने कहा, "सारे वैज्ञानिकों के अनुसार हमारी फ़िलहाल यह राय है कि नए प्रकार पर भी टीकों का पर्याप्त असर होगा ।"
अगर कंप्यूटर विश्लेषण चिंता का कोई कारण दिखाता है, तो वैक्सीन की प्रभावशीलता को निर्धारित करने के लिए पशु प्रयोगशाला अध्ययन शुरू करना होगा, वाल्टर रीड के वैज्ञानिकों ने सीएनएन को बताया।
कहाँ से आया है यह प्रकार?
यह प्रकार काफी अलग है | बीबीसी के अनुसार, इसका सबसे सही विवरण होगा कि किसी मरीज़ में यह वायरस बदला है जिसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कमज़ोर थी | इसके बाक़ी प्रकारों से ज़्यादा जानलेवा होने का निष्कर्ष देने से पहले नए प्रकार पर नज़र रखना होगा, रिपोर्ट के मुताबिक़ |