आज सुबह से सोशल मीडिया पर एक नोट वायरल है. अगर आप सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं तो ये चिठ्ठी आपने भी ज़रूर पढ़ी होगी ... "जब पैसे नहीं थे तो लाक नहीं करना था कलेक्टर".
दरअसल नोट एक चोर ने तब लिख छोड़ा जब उसे एक बंद पड़े लॉकर में पैसे नहीं मिले. ये शायद खीझ का नतीजा रहा हो.
सोशल मीडिया पर भी लोग इस नोट को मज़ाक़िया अंदाज़ में शेयर कर रहे हैं. कोई चोर की तारीफ़ कर रहा है तो कोई उसके इस अंदाज़ पर उसे स्मार्ट बता रहा है.
आइये आपको बताते हैं पूरा मामला
दरअसल देवास ज़िले के SDM त्रिलोचन गौड़ का एक मकान कई महीनों से बंद पड़ा था. चोरी के इस मामले के जाँच अधिकारी खुशीलाल ने बूम को बताया कि उस मकान में एक चोर 9 अक्टूबर की रात घुसा था. उन्होंने कहा कि चूँकि त्रिलोचन उस घर में कई महीनों से नहीं थे तो घर में कोई आता जाता नहीं था.
इसी दौरान उस घर में चोरी की घटना हुई. घर के बाक़ी हिस्से की मूल्यवान वस्तुओं को तो चुरा लिया गया लेकिन एक लॉकर खोलने में चोर के पसीने छूट गये होंगे. उस लॉकर का साइज़ बड़ा था और पुलिस के मुताबिक़ उसे खोलने में काफ़ी मशक़्क़त करनी पड़ी होगी. लेकिन जब लॉकर खुला तो चोर हक्का बक्का हो गया होगा क्योंकि उसमें एक फूटी कौड़ी भी नहीं थी.
इसके बाद चोर ने अधिकारी के नाम एक नोट लिखा 'जब पैसे नहीं थे तो लाक नहीं करना कलेक्टर'. और तो और उस चोर ने अपना एक हस्ताक्षर भी नोट के नीचे किया है. जाँच अधिकारी ने बूम को बताया कि "घर से चोरी की वारदात में लगभग तीस हज़ार रूपये ग़ायब हुए हैं. हालाँकि अभी तक इस चोर की पहचान नहीं हो सकी है लेकिन जल्द ही उसे गिरफ़्तार कर लिया जायेगा."