सोशल मीडिया पर एटीएम को लूटने की प्रक्रिया को प्रदर्शित करते हुए कुछ लोगों का एक वीडियो वायरल हो रहा है | इस वीडियो में पुलिसकर्मियों ने वीडियो रिकॉर्ड किया है | इस वीडियो की अवधि 2 मिनट 20 सेकंड है जिसे फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल किया जा रहा है |
वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है की यह लोग रोहिंग्या मुस्लिम हैं जो अपने देश से निकाले गए हैं और एटीएम लूटते हैं | यह दावा झूठा है |
कैप्शन में लिखा है: "रोहिंज्ञाओं का देश पर एहसान अब किसी रोहिंज्ञाओं को कुछ मत कहियेगा ये बेचारे अपने देश से निकाले गए हैं । इंदिरा जी इन्हें कृपा दिखा कर हमारे गले मढ़ गयी थी हमारी गाढ़े मेहनत की कमाई बैठे बैठाये इन्हें खिलाने के लिए चोर गिरहकट | मेरठ पुलिस के हत्थे चढ़ा ATM मशीन से रुपये चुराने वाला गिरोह फिर पुलिस ने पूरी घटना का डेमो करवाया….नोट:- खबरदार कोई इन बांग्लादेशी व रोहिंग्या से दिखने वालों का मज्जब मत पूछना… बस चुप चाप देखिए, कैसे काटते थे ATM मशीन को 👇👇👇" (Sic)
इस दावे में सिर्फ इतना सच है की यह एटीएम लूटने की घटना मेरठ में हुई थी परन्तु पुलिस ने इनके रोहिंग्या मुस्लिम होने या बांग्लादेश से होने वाले दावों को सिरे से नकार दिया |
आप इन कुछ पोस्ट्स को नीचे देख सकते हैं और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहाँ और यहाँ देखें |
बूम ने पहले भी रोहिंग्या मुस्लिमों को निशाना बनाते हुए फ़र्ज़ी दावों को ख़ारिज कर लेख लिखे हैं | नीचे आप पढ़ सकते हैं |
फ़ैक्ट चेक
बूम ने मेरठ पुलिस मीडिया सेल में देवेंद्र से बात की जिन्होंने बताया की यह एक गिरोह था जिसे पुलिस ने गिरफ़्तार किया था | गिरोह के चार लोग गिरफ़्तार हो गए हैं | पुलिस वीडियो रिकॉर्ड इसलिए करती है ताकि यह मालुम हो सके की कोई भी वारदात यह लोग कैसे करते हैं जो बाद में वायरल हो गया है |
देवेंद्र ने यह भी बताया की आरोपियों ने अपना पता मुज़फ़्फ़रनगर बताया है |
बूम ने सरधना थाना प्रभारी उपेंद्र मालिक से भी संपर्क किया जिन्होंने इनके बांग्लादेशी या रोहिंग्या होने वाले दावों को सिरे से नकारते हुए कहा की यह लोग लोई गांव के हैं | इसका बांग्लादेश से कोई नाता नहीं है यह एक स्थानीय गिरोह है जो उत्तर प्रदेश के ही एक ज़िले मुज़फ़्फ़रनगर के निवासी हैं |
पत्रिका अखबार में एसएसपी अजय साहनी का एक बयान प्रकाशित हुआ है जिसमें उन्होंने कहा है की चार लोग जो गिरफ़्तार हुए हैं उनकी पहचान यूँ है: इक़बाल, सलाउद्दीन, गुलफाम जो लोई गाँव के निवासी हैं और शाहरुख़ जो विजाना गांव (मुज़फ़्फ़रनगर) का निवासी है | एसएसपी ने पत्रिका को यह भी बताया की इनका एक साथी फ़रार है |
मेरठ पुलिस के ट्विटर हैंडल पर भी हमनें पाया की इस घटना के बाद का व्योरा पोस्ट किया गया था |
हमें कुछ लेख भी मिले जो इस घटना के बारे में प्रकाशित किये गए थे | यहाँ और यहाँ पढ़ें |