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फ़ैक्ट चेक

रवीश कुमार के नाम पर वायरल एक बयान जो उन्होंने कभी दिया ही नहीं

बूम ने पाया की बयान के साथ वायरल तस्वीर साल भर पुरानी है एवं फिलहाल रवीश कुमार रमोन मैग्सेसे पुरुष्कार प्राप्त करने मनिला फिलीपींस में हैं

By - Saket Tiwari | 11 Sep 2019 12:00 PM GMT

एन.डी.टी.वी के वरिष्ठ पत्रकार और रमोन मैग्सेसे पुरुष्कार विजेता रविश कुमार के हवाले से एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमे कहा गया है की उन्होंने चंद्रयान 2 मिशन पर कई सवाल उठाए हैं जो देश विरोधी और अपमानजनक हैं | उन्होंने इसे ब्राह्मणवादी और अल्पसंख्यक विरोधी कहा है |

ट्विटर और फ़ेसबुक पर वायरल एक तस्वीर और उसके साथ लिखा एक बयान कई सौ बार शेयर किया जा चूका है | बयान में लिखा है: "इसरो ब्राह्मणवादी है और अल्पसंख्यक विरोधी भी चाँद पर विक्रम ही क्यों भेजा उस्मान अब्दुल या पीटर क्यों नहीं? चन्द्रयान से क्या हासिल होगा हजार करोड़ फूक दिए दक्षिण की सतह पर उतर कर केवल सेल्फी लेने के लिए जबकि आज भी भारत मे एक कटोरा दाल भात के लिए लोग मर रहे है .! #रवीशकुमार" (Sic)

एक अलग ट्वीट में कहा गया है: "आज देश मे एक अलग हवा चल रही है जो सेक्यूलरिज्म का गला घोंटकर ब्रहामणवाद को फैला रही है। और यह हम सब जानते हैं इसके पीछे घोर मनुवादियो का हाथ है #Chandrayaan2 को देख लीजिए सिर्फ ज्योतिषी को बढ़ावा देने के लिए करोड़ो फूक दिए लेकिन गरीब आज भी रेल की पटरियों पर हग रहा है #रवीशकुमार" (Sic)

आपको बता दें की यह दावे झूठ हैं और रविश कुमार ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है |

ऐसी कुछ पोस्ट्स नीचे देख सकते हैं और इनका आर्काइव्ड वर्शन यहाँ, यहाँ और यहाँ देखें |

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यह पहली बार नहीं है जब रवीश के नाम पर एक फ़र्ज़ी बयान या तस्वीर वायरल है | पहले भी कई मौकों पर सोशल मीडिया का उपयोग लोगों ने उनके ख़िलाफ़ नफरत और झूठ फ़ैलाने के लिए किया है | हाल में 2013 में हुए प्राइम टाइम शो को काट छांट कर भ्रामक रूप से सोशल मीडिया पर डाला गया जिसपर रवीश ने बूम को बताया था की उन्हें पत्रकारिता की इस स्थिति को देखकर दुःख होता है |

पढ़ें बूम की रिपोर्ट: Viral Clip Showing Ravish Kumar’s 2013 vs 2019 Take On The Economy Is Misleading

फ़ैक्ट चेक

बूम ने रवीश कुमार के बयानों कि खोज की और पाया की उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है | किसी भी समाचार संस्था ने इस तरह का बयान प्रकाशित नहीं किया है | वो एक प्रतिष्ठित पत्रकार हैं और ऐसे में यदि उन्होंने कोई भी बयान दिया होता तो समाचार पत्रों और न्यूज़ चैनलों द्वारा प्रकाशित किया जाता | इसके अलावा जो तस्वीर इस्तेमाल की गयी है वो संभवतः एक साल पुराने प्राइम टाइम वीडियो से काटी गयी है जिसे इस बयान के साथ इस्तेमाल कर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है | हम यह इसलिए कह सकते हैं क्योंकि तस्वीर में उनकी उम्र और पहनावा नीचे दिए गए वीडियो के समान है |

नीचे दिए गए वीडियो में आप .26 सेकंड पर रवीश को उसी स्थिति में देख सकते हैं जो वायरल तस्वीर में है |

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बूम ने रवीश कुमार से संपर्क भी किया परन्तु कोई जवाब नहीं मिला | जवाब मिलते ही लेख को अपडेट किया जाएगा |

हमें रवीश कुमार के आधिकारिक फ़ेसबुक पेज पर फ़र्ज़ी ख़बरों से जुडी एक पोस्ट मिली जिसमें उन्होंने पिछले पांच सालों से हो रहे अपमान और फ़ैल रहे झूठ के बारे में लिखा है |

पोस्ट का एक अंश: ट्रोल का नेटवर्क कितना विशाल हो चुका है आपको अंदाज़ा लगता ही रहता होगा। इन्हें लगता है कि ये जब चाहेंगे तभी कुछ भी फैला कर पहले दुनिया को अंधेरे में रखेंगे और फिर उसे कुएँ में धकेल देंगे। मेरे मनीला पहुँचते ही एक योजना के तहत मेरा एक नए और पुराने वीडियो से एक एक लाइन काटकर वीडियो तैयार किया गया। आपमें से कई जानते हुए भी झाँसे में आ गए। दरअसल ये ट्रोल आपकी बुद्धि का अपमान करते हैं। उन्हें लगता है कि आपको कुछ भी झूठ परोसा जा सकता है। सोचिए ऐसे कितने झूठे मेसेज से आपका मत बन चुका होगा। मुझे पता है कि मेरा यह जवाब उन सभी लोगों तक नहीं पहुँच पाएगा जहाँ तक ट्रोल का मेरे ख़िलाफ़ तैयार किया गया प्रोपेगैंडा पहुँचा है।...

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