पानी में पेशाब मिलाते ठेले वाले का वीडियो फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल
दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो में दिख रहा व्यक्ति मुस्लिम समुदाय का है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफ़ी शेयर किया जा रहा है. वीडियो में एक ठेलेवाला व्यक्ति पानी के जग में पेशाब मिलाता दिखाई दे रहा है. वीडियो के साथ एक दावा किया जा रहा है कि खाने-पीने की चीजें बेचने वाला एक मुस्लिम विक्रेता पीने के पानी में अपना पेशाब मिलाते हुए पकड़ा गया है.
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फ़ेसबुक सहित तमाम सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर ये वीडियो साम्प्रदायिक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.
फ़ेसबुक पर इसे एक यूज़र ने शेयर करते हुए कैप्शन दिया 'पहले जग में पेशाब किया फिर पीने वाले पानी में पेशाब डाला और आधा फेंक दिया जिससे कि लोगों को पता ना चल सके देख लो बाहर के खाने वालों जिहादियों को कैसे तुम्हें अपना पहला पिलाते हैं बाहर के खाने से बचें'
ये वीडियो इसी कैप्शन के साथ फ़ेसबुक पर काफ़ी वायरल है. इसे कई अकाउंट्स से शेयर किया गया है.
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हमने इस वीडियो की हक़ीक़त जानने के लिये कुछ साधारण कीवर्ड सर्च किये क्योंकि वीडियो प्रथमदृष्ट्या असली लग रहा है. हमें इससे जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट मिलीं जिनसे ये जानकारी हुआ कि ये घटना है तो असली मगर इसके साथ किया जा रहा दावा ग़लत है. न्यूज़ रिपोर्ट्स के अनुसार ठेले वाला व्यक्ति मुस्लिम नहीं बल्कि हिंदू समुदाय से है.
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Time8 की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ ये घटना असम के गुवाहाटी के अठगवाँ इलाक़े की है. रिपोर्ट के मुताबिक़ अक्रुल साहिनी (60) नाम का ये ठेले वाला शख़्स मग में पेशाब करके गोलगप्पे के पानी में मिला रहा था तभी इसका वीडियो किसी ने बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया.
रिपोर्ट में बताया गया कि इस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्थानीय पुलिस ने एक्शन लिया और उस ठेले वाले को गिरफ़्तार कर लिया.
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बूम ने वायरल वीडियो के संदर्भ में भरालुमुख पुलिस स्टेशन के इंचार्ज ज्योति लहाना से संपर्क किया. उन्होंने बूम को बताया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा साम्प्रदायिक दावा ग़लत है. ज्योति लहाना ने कहा कि आरोपी व्यक्ति का नाम अक्रुल साहिनी है और वो हिंदू समुदाय से है.
उन्होंने कहा कि पुलिस ने पहले उसे गिरफ़्तार किया था बाद में उसकी दुकान का लाइसेंस रद्द कर उसे छोड दिया. ज्योति ने बताया कि वो व्यक्ति हमेशा शराब के नशे में धुत रहता था इसलिये शायद ऐसी हरकतें करता था.
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हमने इस वायरल वीडियो को बनाने वाले व्यक्ति Amar Jyoti Bordoloi से भी बात की. उन्होंने बूम को बताया कि वो इससे पहले भी कई बार इस व्यक्ति को ऐसा करते हुए देख चुके थे और टोका भी था. लेकिन 14 अगस्त को उन्होंने जब ठेले वाले को फिर ऐसा करते हुए देखा तो उन्होंने वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर डाल दिया.
हालाँकि अमर ने हमें बताया कि उन्होंने कोई साम्प्रदायिक दावा इस वीडियो के साथ नहीं किया था. "कब और कैसे इस वीडियो के साथ ग़लत और साम्प्रदायिक दावे जोड़ दिये गये मुझे पता नहीं," बोरदोलोई ने बूम को बताया.
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