UP में भड़काऊ होर्डिंग्स पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ से जोड़कर वायरल
बूम ने स्थानीय पुलिस से बात की जिन्होंने पुष्टि की है कि होर्डिंग यूपी के कुंडा, प्रतापगढ़ में ही लगाए गए थे.
सोशल मीडिया पर मुस्लिमों के बयानों के साथ भड़काऊ होर्डिंग दिखाने वाली एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. यूज़र्स इस घटना को पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ से जोड़कर शेयर कर रहे हैं. होर्डिंग्स में दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुख़ारी, उपदेशक मौलाना ज़ाकिर नाइक और मुस्लिम धर्मगुरु नूर उर रहमान बरकती की तस्वीरें हैं. होर्डिंग्स की तस्वीरें, भड़काऊ हिंदू विरोधी बयानों के साथ, विभिन्न दावों के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हैं.
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बूम ने पाया कि उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के कुंडा में एक स्कूल की चारदीवारी पर होर्डिंग लगाया गया था. हमने कुंडा पुलिस स्टेशन के एक पुलिस अधिकारी से बात की, जिसने हमें पुष्टि की कि होर्डिंग्स कुंडा में ही लगाये गए थे. इंस्पेक्टर ने बूम को बताया कि यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि होर्डिंग किसने लगाए थे क्योंकि अभी जांच चल रही है.
वायरल तस्वीर में दिखाए गए तीन होर्डिंग्स में गोहत्या के समर्थन में भड़काऊ हिंदू विरोधी बयान हैं और हिंदुओं को उत्तर प्रदेश, हैदराबाद, केरल, पश्चिम बंगाल और असम जैसे राज्यों में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों को छोड़ने के लिए कह रहे हैं.
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तस्वीर को ट्विटर पर हिंदी कैप्शन के साथ शेयर किया गया है 'हिन्दू मुस्लिम भाई-भाई के नारे लगाने वाले, इन होर्डिंग्स को जूम कर के पढ़ो. छत्तीसगढ़ के कुंदा में लगे हैं ये होर्डिंग्स! इसका वीडियो नीचे थ्रेड में है'
फ़ेसबुक पर यही तस्वीरें इन्हे पश्चिम बंगाल से जोड़कर शेयर की जा रही हैं
फ़ैक्ट चेक
बूम को 12 अगस्त को प्रतापगढ़ पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से घटना के संबंध में एक ट्वीट मिला. इस ट्वीट में पुलिस अधीक्षक, प्रतापगढ़ का एक बयान है. एसपी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि प्रतापगढ़ के कुंडा में 'शरारती तत्वों' ने होर्डिंग लगाई थी. उन्हें तुरंत हटा दिया गया और मामला दर्ज कर लिया गया है.
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बूम ने कुंडा पुलिस स्टेशन के एक पुलिस अधिकारी से बात की जिन्होंने हमें बताया कि मामले की जांच की जा रही है. इंस्पेक्टर ने बूम को बताया, "एक स्कूल की चारदीवारी पर पोस्टर लगाए गए थे. बाद में सभी पोस्टर हटा दिए गए थे. हमारी स्थानीय खुफिया एजेंसी भी मामले की जांच कर रही है. अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और अपराधियों की तलाश जारी है. उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा."
पुलिस कर्मियों ने हमें यह भी बताया कि अभी विभाग यह नहीं बता सकता कि पोस्टर मुस्लिम या हिंदू समुदाय के लोगों द्वारा लगाए गए थे क्योंकि मामले की जांच की जा रही है. इंस्पेक्टर ने बूम को बताया, "धारा 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है."
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बूम ने वायरल पोस्ट में बुख़ारी, बरकती और नाइक के बयानों की भी जाँच की. हालांकि हमने पाया कि पहले भी कई सोशल मीडिया पेजों पर इसी तरह के बयानों के लिये उन्हे जिम्मेदार ठहराया गया है, लेकिन आरोपों की पुष्टि करने वाली कोई समाचार रिपोर्ट नहीं थी.
सैयद अहमद शाह बुख़ारी को किस बयान के लिये जिम्मेदार ठहराया गया?
वायरल पोस्ट में होर्डिंग में बुख़ारी का एक बयान दिया गया है जिसके अनुसार उत्तर प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल, हैदराबाद और असम के हिंदुओं को इन राज्यों को छोड़ देना चाहिए क्योंकि यहां मुस्लिम बहुसंख्यक थे.
हमने पाया कि इसी बयान को जनवरी 2014 में एक फेसबुक पेज Hindu Hu Mai से शेयर किया गया था.
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बूम ने 2011 की जनगणना के अनुसार हिंदू-मुस्लिम आबादी की भी जाँच की.
बूम ने एक टिप्पणी के लिए सैयद अहमद बुख़ारी से भी संपर्क किया है. उनसे स्पष्ट होने के बाद रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.
बयान जिसके लिये नूर उर रहमान बरकती को जिम्मेदार ठहराया गया
पश्चिम बंगाल के एक मुस्लिम मौलवी बरकती के हवाले से कहा गया है कि मुसलमान गायों का वध करना जारी रखेंगे और मुसलमान किसी सरकार से नहीं डरते क्योंकि उनकी आबादी अब काफी बड़ी है. आगे लिखा है, "हम हिंदुओं की तरह बहस नहीं करते, हम सीधे काट देते हैं."
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बरकती एक विवादास्पद व्यक्ति हैं और कई बार अपने बयानों के लिए चर्चा में रहे हैं. News 18 की रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में, उन्हें पश्चिम बंगाल में टीपू सुल्तान मस्जिद के शाही इमाम के पद से बर्खास्त कर दिया गया था. बूम को 2010 का एक वीडियो मिला जिसमें बरकती को यह दावा करते हुए देखा जा सकता है कि मुसलमान गोहत्या नहीं रोकेंगे. उन्होंने सरकार को चुनौती दी कि वे उन्हें गोहत्या से रोककर दिखायें.
बूम ने बरकती के कीवर्ड के साथ फेसबुक की जाँच की और 2012 से कई पोस्ट पाए जिनमें एक ही कथन था.
पोस्ट में विचलिच करने वाली तस्वीरें शामिल हैं.
ज़ाकिर नाइक को किस बयान के लिये जिम्मेदार ठहराया?
विवादास्पद मुस्लिम उपदेशक ज़ाकिर नाइक के हवाले से लिखे बयान का दावा है कि मुसलमानों ने 1100 वर्षों तक भारत पर शासन किया है और इस डर से हिंदू, हिंदू-मुस्लिम एकता के नारे लगाते हैं.
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हमने फेसबुक पर ज़ाकिर नाइक को इस बयान के साथ एक कीवर्ड के रूप में सर्च किया और 2014 की शुरुआत में शंखनाद धर्म और राजनीति, हिंदुत्व - अ राइजिंग और अन्य कई पेजों पर एक ही कथन पाया. एक कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक और टेलीविज़नवादी, ज़ाकिर नाइक अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं. उसने 2016 में भारत छोड़ दिया था और कथित मनी लॉन्ड्रिंग और 'अभद्र भाषा' के मामलों में भारतीय अधिकारियों द्वारा वांछित है.
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हालांकि बूम स्वतंत्र रूप से यह पता नहीं कर सका कि होर्डिंग्स में लिखे विवादित बयान उन व्यक्तियों द्वारा कभी दिए गए थे या नहीं. लेकिन यह जरीर पता चला कि होर्डिंग उत्तर प्रदेश में लगे थे, न कि छत्तीसगढ़ या पश्चिम बंगाल में, जैसा कि दावा किया गया है.