बरेली में पुलिसकर्मियों की पिटाई बताकर वायरल वीडियो का दावा गलत है
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कुछ लोग दो पुलिसकर्मियों की निर्मम पिटाई कर रहे हैं. वीडियो का सच जानिए इस फ़ैक्ट चेक में.
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में भीड़ दो पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट कर रही है. वर्दी पहने एक पुलिसकर्मी को लोग बुरी तरह घेरकर डंडों से पीट रहे हैं. वीडियो विचलित कर देने वाला है तथा इसे शेयर करते हुए तमाम साम्प्रदायिक दावे किये जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि मुसलमानों की भीड़ ने उत्तर प्रदेश में 'जुरमाना' लगाने पर पुलिसकर्मियों को पीटा.
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फ़ेसबुक पर वीडियो के साथ वायरल कैप्शन में लिखा गया है 'बरेली सिविल लाईन्स न्यूज़ पुलिस द्वारा चालान काटने पर मुसलमानों ने उनकी पिटाई की जो कानून को चुनौती है! यह वीडियो बताता है की आगे हिन्दुस्तान मे क्या क्या होगा | कौन देश चलायेगा! और सबका भविष्य क्या होगा ! कड़वा सच यह है कि देश को बाहर से ज्यादा अन्दर से बहुत ज्यादा खतरा है
अन्य फ़ेसबुक पोस्ट भी ऐसे कैप्शंस के साथ वायरल हैं.
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वीडियो के अलावा इस घटना का एक टेक्स्ट मैसेज भी काफ़ी वायरल है जिसे कई लोगों ने शेयर किया है.
ट्विटर पर भी ये वीडियो इसी कैप्शन के साथ वायरल है
फ़ैक्ट चेक
हमने इस वीडियो की सत्यता जानने के लिये इसे कीफ़्रेम में तोड़कर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया. हमने पाया कि वीडियो 2021 के मार्च महीने का है और राजस्थान का है.
ETV Bharat की 25 मार्च की एक रिपोर्ट हमें इस घटना से जुड़ी जानकारी मिली जिसके हिसाब से इस घटना में कोई साम्प्रदायिक कोण नहीं था.
सोशल मीडिया पर वायरल यह तस्वीर असल में कहां से है
ख़बर की हेडलाइन थी 'प्रेमी युगल की तफ़तीश करने गई हरियाणा पुलिस की पिटाई, वीडियो वायरल.
इसी रिपोर्ट में बताया गया कि हरियाणा पुलिस राजस्थान के जुरहरा में एक प्रेमी युगल के केस के संबंध में गई थी. वहाँ एक भीड़भाड़ वाले बाज़ार में पुलिस की गाड़ी से किसी स्थानीय व्यक्ति को धक्का लग गया. इसके बाद पुलिसकर्मियों और स्थानीय लोगों में कहासुनी होने लगीं और मामला मारपीट तक पहुँच गया. लोगों ने पुलिसकर्मियों को घेरकर बुरी तरह पीटा.
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बाद में जुरहरा पुलिस मौक़े पर पहुँची और बीच बचाव कर मामले को सुलझाया. इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से एफआईआर भी की गई थी.
बरेली के नाम से वायरल राजस्थान के इस वीडियो का खंडन बरेली पुलिस ने भी किया है. अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट कर बरेली पुलिस ने लिखा कि ये वायरल वीडियो बरेली की नहीं है.
बूम ने पहले भी इस वीडियो की सत्यता जाँची थी और पाया था कि ये वीडियो फ़र्ज़ी साम्प्रदायिक दावे से साथ वायरल है.