गौमांस खाने वाले 1.38 लाख कर्मचारियों को अमूल कंपनी ने निकाला? फ़ैक्ट चेक
वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि अमूल कंपनी के मालिक आनन्द सेठ हैं. जबकि अमूल एक कोऑपरेटिव सोसाइटी है जिसका कोई मालिक नहीं.
सोशल मीडिया पर एक अमूल कंपनी से जुड़ा एक मैसेज वायरल हो रहा है. मैसेज में लिखा है कि अमूल कंपनी के मालिक आनन्द सेठ ने बीफ़ खाने वाले अपने 1.38 लाख कर्मचारियों को काम से निकाल दिया है. ये मैसेज काफ़ी वायरल है. इस मैसेज को सोशल मीडिया के अलग अलग प्लेटफ़ॉर्म्स पर ख़ूब शेयर किया गया.
महाराष्ट्र कैबिनेट ने दी Shakti Bill को मंज़ूरी? फ़ैक्ट चेक
फ़ेसबुक पर इस मैसेज को पोस्ट करते हुए लिखा 'अमूल दूध के मालिक आनन्द सेठ ने गौमांस खाने वाले 1.48 लाख कर्मचारियों को नौकरी से निकाला। धन्यवाद आनन्द सेठ जी'
ट्विटर पर भी ये पोस्ट बिल्कुल इसी दावे के साथ वायरल है.
क्या कोलकाता में रोहिंग्या मुस्लिमों ने हिन्दुओं का नरसंहार किया है? फ़ैक्ट चेक
फ़ैक्ट चेक
अमूल एक कोऑपरेटिव डेयरी है जिसकी स्थापना 1946 में गुजरात के आणंद में हुई थी. कोऑपरेटिव का मतलब ही होता है कि उसका कोई मालिक नहीं होता है. इस डेयरी का प्रबंधन गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फ़ेडरेशन लिमिटेड के हाथों में है. जैसा कि इस फेडरेशन की वेबसाइट पर लिखा है, इसकी स्थापना 1973 में हुई थी.
वेबसाइट के मुताबिक़ इस मार्केटिंग फ़ेडरेशन की 18 सदस्यीय समिति लगभग 33 जिलों के 36 लाख दुग्ध उत्पादकों को कवर करती है. इस कोऑपरेटिव का साल 2019-20 में 5.1 बिलियन डॉलर का टर्नओवर रहा.
इस मानसून Minto Road Overbridge पर इतना पानी भर गया कि बस डूब गई?
Gujrat Cooperative milk marketing Federation के वर्तमान चेयरमैन Shamalbhai B Patel हैं जबकि R Humble इसके वाइस चेयरमैन हैं. कोऑपरेटिव के मैनेजिंग डायरेक्टर RS Sodhi हैं. हालाँकि अमूल का उत्पादन आनन्द उद्योग लिमिटेड के अंतर्गत होता है इसीलिये वायरल मैसेज में अमूल कंपनी के मालिक का काल्पनिक नाम 'आनन्द सेठ' लिखा गया होगा.
बूम ने GCMMF (Gujrat Cooperative milk marketing Federation) गुजरात के ऑफिस में भी संपर्क किया. बूम से बात करते हुए एक अधिकारी ने कहा कि "अमूल डेयरी किसानों का एक कोऑपरेटिव है. यहाँ कोई मालिक नहीं है. और सबसे बड़ी बात कि हमारे पास इतने कर्मचारी ही नहीं हैं."