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      सोशल मीडिया पर वायरल यह तस्वीर असल में कहां से है

      सोशल मीडिया यूज़र्स इस तस्वीर को उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण विधेयक से जोड़कर ग़लत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं. वायरल तस्वीर की सच्चाई पढ़िए इस रिपोर्ट में.

      By - Mohammad Salman |
      Published -  16 July 2021 9:18 AM
    • सोशल मीडिया पर वायरल यह तस्वीर असल में कहां से है

      बांग्लादेश के एक शरणार्थी शिविर में अपने परिवार के सदस्यों के साथ एक विकलांग व्यक्ति की तस्वीर भ्रामक दावे के साथ शेयर की जा रही है. वायरल तस्वीर को उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh) द्वारा हाल ही में प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण विधेयक (Population Control Bill) के संदर्भ में ग़लत तरीके से जोड़ा जा रहा है.

      बीते दिनों उत्तर प्रदेश सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक प्रस्तावित किया है जिसके अंतर्गत दो से अधिक बच्चे पैदा करने पर राज्य सरकार की सभी सरकारी योजनाओं व अनुदान से भी वंचित रखने का प्रावधान है. इसके लागू होने पर एक साल के भीतर सभी सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों, स्थानीय निकाय में चुने जनप्रतिनिधियों को शपथ पत्र देना होगा कि वह इसका उल्लंघन नहीं करेंगे. विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग को पत्र लिखकर अपने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के मसौदे से कुछ प्रस्तावित मानदंडों को हटाने की मांग की है.

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      वायरल तस्वीर में व्हीलचेयर पर बैठे एक व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्यों का चित्र दिखाया गया है. इसे अधिवक्ता प्रशांत पटेल उमराव ने शेयर किया है, जिन्हें पहले भी सांप्रदायिक व फ़र्ज़ी ख़बर फैलाते हुए पाया गया है.

      प्रशांत उमराव ने तस्वीर को एक द्विअर्थीय कैप्शन के साथ शेयर किया है.


      ट्वीट यहां और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

      पटेल के ट्वीट के कई रिप्लाई से पता चलता है कि तस्वीर को यूपी में प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण विधेयक से जोड़ा गया है. तस्वीर को अन्य यूजर्स ने ट्विटर और फ़ेसबुक पर भी शेयर किया है.

      यह हाल तब है जब दोनों पैर काम नही कर रहे ...!!#जनसंख्या_नियंत्रण_कानून#8अगस्त_चलो_दिल्ली#PopulationControlLaw #UniformCivilCode #AntiConversionLaw #AntiInfiltrationLaw #uniformEducation#SaveIndiaMovement#भारतबचाओआंदोलन@AshwiniUpadhyay @BhaiPreetSingh pic.twitter.com/QkTsN04lte

      — Save India Foundation (@joinsif) July 12, 2021


      पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. अन्य पोस्ट यहां और यहां देखें.

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      फ़ैक्ट चेक

      बूम ने तस्वीर को रिवर्स इमेज पर सर्च किया और पाया कि यह तस्वीर बांग्लादेश के कॉक्स बाज़ार में एक रोहिंग्या शरणार्थी शिविर की है.

      इस तस्वीर को स्पेन के बार्सिलोना में स्थित एक फ़ोटोग्राफी पत्रिका Dodho पर चित्रित किया गया है. तस्वीर के विवरण के अनुसार, "40 वर्षीय मोहम्मद आलमगीर और उनके परिवार का एक चित्र. पोलियो के कारण विकलांग मोहम्मद, म्यांमार में हाल की हिंसा से अपने परिवार के साथ भाग गए, और कुटुपलोंग शरणार्थी शिविर, कॉक्स बाजार में शरण ली है."

      तस्वीर को 6 मार्च, 2017 को प्रोबल राशिद द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्टॉक फ़ोटो वेबसाइट गेट्टी इमेजेज़ पर भी डॉक्यूमेंट किया गया है.


      डाक्यूमेंट्री फ़ोटोग्राफर और फ़ोटो जर्नलिस्ट प्रोबल राशिद मई 2017 के संस्करण के फ़ाइनलिस्ट थे. यह तस्वीर "द रोहिंग्या: ए पीपल विदाउट ए होम" नामक एक श्रृंखला का हिस्सा है, जिसे दुनिया भर में द बाईनियल ग्रांट की ओर से नवोदित फ़ोटोग्राफरों को एक फ़ोटोग्राफी स्टाईपेंड प्रोजेक्ट के तौर पर दिया जाता है.

      बूम ने प्रोबल राशिद से बात की जिन्होंने पुष्टि की कि तस्वीर उन्होंने क्लिक की थी. उन्होंने बताया, "मैंने यह तस्वीर 6 मार्च, 2017 को ली थी. कुछ महीने बाद मोहम्मद आलमगीर की कुटुपलोंग शरणार्थी शिविर में मौत हो गई थी."

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      Tags

      UP Population Control BillUttar PradeshRohingyaBangladeshFake NewsFact CheckViral Image
      Read Full Article
      Claim :   तस्वीर दिखाती है कि मुस्लिम व्यक्ति के कई बच्चे हैं
      Claimed By :  Social Media Users
      Fact Check :  Misleading
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