क्या बांग्लादेश हिंसा में ISKCON के इस पुजारी की हत्या हो गई है? फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर कोलकाता के मायापुर के इस्कॉन मंदिर की है और उसमें दिख रहे शख़्स निताई दास अभी जीवित हैं
सोशल मीडिया पर इस्कॉन(ISKCON) मंदिर के एक पुजारी की हत्या से जोड़कर भ्रामक ख़बर वायरल है. वायरल दावे के अनुसार मुस्लिमों के पवित्र महीने रमज़ान में उन्हें इफ़्तार की दावत कराने वाले इस्कॉन के पुजारी निताई दास की हालिया बांग्लादेश हिंसा में मुस्लिमों ने हत्या कर दी. वायरल पोस्ट में एक तस्वीर भी है जिसमें एक पुजारी मुस्लिमों को इफ़्तार की दावत कराते नज़र आ रहे हैं.
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बांग्लादेश में दुर्गापूजा के दौरान कथित रूप से क़ुरान के अपमान की खबर वायरल होने के बाद भयानक रूप से हिंसा भड़क उठी थी. BBC Hindi की एक ख़बर के मुताबिक़ बांग्लादेश में एक फ़ेसबुक पोस्ट के कारण भड़की हिंसा के बाद कई दुर्गा पूजा पंडालों में तोड़फोड़ हुई है और कम से कम 150 अल्पसंख्यक परिवारों पर हमले हुए हैं.
अधिकारियों ने तीन लोगों की मौत की पुष्टि की है. रिपोर्टों के मुताबिक़ एक सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया गया था कि एक पूजा पंडाल में क़ुरान रखकर उसका अपमान किया गया है. इसके बाद चांदपुर के हबीबगंज, चटगाँव के बांसखाली, कॉक्स बाज़ार के पेकुआ और शिवगंज के चापाईनवाबगंज समेत कई इलाकों में हिंसा भड़क उठी और पंडालों में तोड़फोड़ की गई.
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देश को झकझोर देने वाली सांप्रदायिक झड़पों में, दो हरे कृष्ण भक्तों की भी मौत हो गई. जब भीड़ ने बांग्लादेश के नोआखली जिले में एक इस्कॉन मंदिर में तोड़फोड़ की और भक्तों पर हमला किया तो कई लोग घायल भी हुए. ISKCON ने अपनी वेबसाइट पर मृतकों के नामों का उल्लेख Pranta Chandra Das और Jatan Chandra Saha के रूप में किया है. वेबसाइट में कहा गया है कि एक अन्य भक्त निमाई दास की हालत गंभीर है.
फ़ेसबुक पर एक फ़ोटो शेयर करते हुए एक यूज़र ने कैप्शन लिखा 'ये हैं स्वामी निताई दास प्रभु जो बंगलादेश में इस्कॉन के मंदिर पर किये गये हमले में मारे गये इन्होंने पिछले रमजानों में लगातार तीसों दिन रोजा इफ्तार आयोजित कराया था.'
ट्विटर पर भी ये तस्वीर और इसके साथ ये दावा कि पुजारी निताई दास की हत्या हो गई है, वायरल है
फ़ैक्ट-चेक
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बूम ने वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया तो पाया कि जिस इफ़्तार दावत की तस्वीर को शेयर कर ये कहा जा रहा है कि वो बांग्लादेश की है ये दावा पूरी तरह ग़लत है. हालांकि ये सच है कि इसमें दिख रहे पुजारी निताई दास हैं, लेकिन वो जीवित हैं. वायरल तस्वीर साल 2016 की है और मायापुर, कोलकाता के इस्कॉन मंदिर में आयोजित एक इफ़्तार की दावत की है.
News report के मुताबिक़ 2016 में इस्कॉन के 50 साल पूरे होने पर मायापुर स्थित इस्कॉन मंदिर में रमज़ान के महीने में मुस्लिमों के लिये भाईचारे के संदेश के रूप में इफ़्तार की दावत का इंतज़ाम किया था. मायापुर में मुस्लिम समुदाय की आबादी काफ़ी है और उस जगह इस्कॉन का मंदिर स्थित है जहाँ सौहार्दपूर्ण तरीक़े से दोनों समुदाय के लोग त्यौहार मनाते हैं.
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तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है "ISKCON का एक पुजारी 22 जून को मायापुर में हिंदू समूह के मंदिर में इफ़्तार के दौरान मुस्लिमों को मिठाई खिलाते हुए."
रिपोर्ट के अनुसार, 2016 में ISKCON मायापुर (पश्चिम बंगाल) में मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए इफ़्तार आयोजित किया गया था. मुस्लिमों ने अपना रमज़ान उपवास समाप्त करने के बाद मंदिर परिसर के अंदर शाम की प्रार्थना भी की थी.
एक और news report में हमें बिल्कुल यही तस्वीर मिली जो 2016 की ही है. इसके मुताबिक़ भी, ये मायापुर में इस्कॉन मंदिर द्वारा आयोजित इफ़्तार दावत की तस्वीर है.
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बूम ने इस्कॉन के National director of Communication युधिष्ठिर गोविंद दास से संपर्क किया. वो इस्कॉन के मायापुर स्थित परिसर में ही रहते हैं. उन्होंने बूम को बताया कि 2016 में आयोजित उस इफ़्तार दावत में वो खुद मौजूद थे. उन्होंने तस्वीर में मौजूद शख़्स की पहचान कर बताया कि वो निताई दास ही हैं.
उन्होंने कहा कि वो कोरोना महामारी के आने से पहले ही भारत से जा चुके हैं, वे सकुशल हैं और जीवित हैं. निताई दास मूल रूप से Pula, Croatia के रहने वाले हैं. उनका दीक्षा का नाम निताई दास है जबकि असली नाम Ivan Antic है. युधिष्ठिर दास ने कहा कि उनकी मौत की ख़बर पूरी तरह से झूठी है.
कुल मिलाकर यह स्पष्ट हुआ कि ये तस्वीर भारत की है न कि बांग्लादेश में मृत इस्कॉन के पुजारी की. साथ ही बांग्लादेश में घायल पुजारी का नाम निमाई दास बताया जा रहा है जबकि वायरल पोस्ट के अनुसार वो निताई दास है जिनकी मौत हो गई है. ये दावा ग़लत है.