पिछले हफ्ते व्हाट्सएप पर पुलिस का एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ है। इस वीडियो में सादे कपड़ों में पुलिस को कुछ अपराधियों को परेड कराते और पिटाई करते दिखाया गया है। यही वीडियो अब फेसबुक पर वायरल हो रहा है। और इस बार वीडियो को सांप्रदायिक मोड़ देने की कोशिश की गई है - "आरएसएस ठगों ने जय भिम बोलने पर दलितों की पिटाई की, जबकि पुलिस चुपचाप देखती रही।" 5 सितंबर, 2018 को बूम ने अपनी कहानी में बताया था कि यह वीडियो गुजरात के भावनगर के तलाजा शहर से है और पुलिस जिन्हें पीट रही है वे गैंगस्टर हैं। यह वीडियो 5 सितंबर, 2018 को फेसबुक पेज भीम सेना और 6 सितंबर 2018 को जय भीम इंडिया द्वारा पोस्ट किया गया था। पोस्ट में कहा गया था, "#तमिलनाडु में 3 #दलितों को #RSS के #गुंडों ने #पीटा #पुलिस #तमाशबीन बनी रहे इनका #कसूर बस इतना था इस #होटल #मालिक को इन्होंने #जयभीम बोल दिया था।"
Full View इस कहानी को लिखने तक भीम सेना की इस पोस्ट को एक लाख से भी ज्यादा बार देखा गया है और 5100 बार शेयर किया है। इसे अब ग्राफिक सामग्री के कारण फेसबुक द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया है।
यही वीडियो फेसबुक पर एक ही झूठी कहानी के साथ साझा किया जा रहा है लेकिन गुजरात से।
Full View वीडियो का सच बूम के सत्यापन से पता चला था कि वीडियो में दिखाए गए तीन लोगों में से एक शैलेश धंधियलिया है, जो भावनगर के एक कुख्यात गैंगस्टर और हिस्ट्री शीटर है। इसके खिलाफ लापरवाही, लूट और अपहरण के कई मामले दर्ज हैं। और वीडियो में सादे कपड़ों में अपराधियों की धुनाई करने वाला शख्स दीपक मिश्रा है। दीपक मिश्रा भावनगर के क्राइम ब्रांच में पुलिस इंस्पेक्टर हैं। बूम ने मिश्रा से बात की जिन्होंने कहा कि उन्होंने अपराधियों की परेड 'लोगों के दिल से डर' निकालने के लिए कराया था। गैंगस्टर धंधियलिया हाल ही में 10 साल जेल की सजा काट कर बाहर आया है और उसे अक अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया है। जब हमने मिश्रा की से कहा कि एक आरोपी का सार्वजनिक रूप से परेड करना कानून के खिलाफ है और उनके हाथ बंधे हुए था, तो उन्होंने कहा कि यह जनता के लिए किया गया था और गैंगस्टर एक लिए एक सबक है। उन्होंने कहा कि आरोपी पुलिस को वो जगह दिखा रहे थे जहां उन्होंने हथियारों को संग्रहित किया था। बूम की पिछली कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।