2016 की तीन पुरानी और असंबंधित तस्वीरों का एक सेट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया गया है कि पुलिस ने गुजरात की एक मस्जिद से हथियार बरामद किए हैं। कोलाज की एक तस्वीर में, पुलिस और आरोपियों के साथ प्रदर्शित विभिन्न आकारों की तलवारें दिखाई गई हैं।
पोस्ट के साथ दिए गए कैप्शन में लिखा गया है, अब गुजरात की एक #मज्जिद में हथियारों का जखीरा मिला….इन #शांतिदूतों द्वारा कुछ तो #साजिशरची जा रही है , भारत की सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहना होगा प्रत्येक #मज्जिद_मदरसों की गहन जांच की जरूरत है !
तस्वीरों का यही सेट ट्विटर पर इसी उल्लेख के साथ वायरल है।
2017 में व्हाट्सएप और ट्विटर पर समान दावे के साथ यही तस्वीरें वायरल हुई थीं। बूम ने तब एक ट्विटर यूज़र को बताया था, कि तस्वीरें पुरानी और असंबंधित हैं।
सांप्रदायिक कहानी के साथ पहले भी वायरल
भारत में एक मंदिर से हथियार बरामद किए जाने की झूठी कहानी के साथ इस साल के शुरुआत में भी फ़ेसबुक पर कई पेजों पर ये तस्वीरें वायरल हुई थीं। बूम बांगला ने इस फ़र्ज़ी खबर को खारिज़ किया था।
बूम ने एक रिवर्स इमेज सर्च चलाया और पाया कि ये इमेज एक ऑपरेशन की हैं जिसका नेतृत्व राजकोट डिटेक्शन ऑफ क्राइम ब्रांच (डीसीबी) और कुवाडवा पुलिस द्वारा किया गया था। टीम ने राजकोट अहमदाबाद राजमार्ग पर चोटिला के पास एक होटल से संचालित किए जा रहे एक अवैध हथियार व्यापार का भंडाफोड़ किया था। यही तस्वीरें 2016 में गुजरात हेडलाइन न्यूज़ द्वारा किए गए ट्वीट में देखी जा सकती है।