तिरुपति बालाजी मंदिर के आधिकारिक ट्रस्ट ने बूम को बताया कि ट्रस्ट अभी तक उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए पैसे दान करने के बारे में फैसला नहीं किया है । उन्होंने ऑनलाइन फैलाए जाने वाले दावों को भी ग़लत बताया, जिसमें 100 करोड़ रुपये दान देने की बात कही जा रही है ।
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के हेल्प डेस्क ने एक ईमेल के जरिए बूम को पुष्टि की कि ऑनलाइन प्रसारित होने वाला दावा ग़लत है ।
"आपके ईमेल के जबाब में हम वायरल हुई सूचना को ग़लत बताते हैं | अभी तक टीटीडी ने अयोध्या में राम मंदिर के लिए रूपए दान करने पर कोई फैसला नहीं लिया है"
आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये दान करने की योजना के बारे में दावा 9 नवंबर, 2019 से फैलाया जाना शुरु हुआ, जब विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था ।
ग़लत जानकारी फ़ेसबुक पर भी वायरल हुई है । तिरुपति बालाजी मंदिर भारत के सबसे धनी मंदिरों में से एक है ।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को मस्जिद के निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को अलग से 5 एकड़ जमीन आवंटित करते हुए मंदिर बनाने के लिए एक ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है ।
हालांकि, मंदिर का निर्माण करने वाले ट्रस्ट का गठन होना अब तक बाकि है । यह स्पष्ट नहीं है कि इसके निर्माण के लिए रूपए कौन देगा ।
एएनआई ने विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के एक वरिष्ठ नेता का हवाला देते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर भक्तों के दान से बनाया जाएगा और ट्रस्टी गुजरात सोमनाथ ट्रस्ट की तर्ज पर एक फंड स्थापित करेंगे । पूरी कहानी यहां पढ़ें । बूम ने स्वतंत्र रूप से इसका सत्यापन नहीं किया है ।
एक वीएचपी नेता का हवाला देते हुए टाइम्स ऑफ इंडिया ने भी अपनी रिपोर्ट में बताया था कि मंदिर के लिए क्राउड फंडिंग की जाएगी ।
बूम को मुख्यधारा के समाचार लेख मिले जिसमें दान के विवरण बताए गए हैं । बूम ने स्वतंत्र रूप से इसका सत्यापन नहीं किया है ।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पटना स्थित हनुमान मंदिर ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये देने की बात कही है । टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कि स्वदेशी असमिया मुसलमानों ने 5 लाख रुपये दान करने का फैसला किया है ।