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फैक्ट चेक

RSS कार्यकर्ताओं की केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद वाली पुरानी तस्वीरें वायरल

बूम ने पाया कि वायरल कोलाज में शामिल तस्वीरें केरल में 2018 में आई बाढ़ के दौरान की हैं. यह हाल-फिलहाल की नहीं हैं.

By - Rohit Kumar | 2 Aug 2024 1:01 PM IST

केरल में बाढ़ प्रभावितों की मदद करने वाली चार तस्वीरों का एक कोलाज सोशल मीडिया पर वायरल है. सोशल मीडिया यूजर्स ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए दावा किया कि निर्वाचित सांसद की जगह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता केरल में लोगों की मदद कर रहे हैं.

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने इस बार रायबरेली और वायनाड दोनों सीटों से जीत दर्ज की थी. हालांकि बाद में उन्होंने रायबरेली सीट बरकरार रखने का फैसला लेते हुए वायनाड से इस्तीफा दे दिया था. फिलहाल इस सीट पर उपचुनाव होने हैं. वहीं गुरुवार को राहुल और प्रियंका गांधी वायनाड के दौरे पर आए थे.

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीरें 6 साल पुरानी हैं, जब 2018 में केरल त्रासदी के दौरान 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.

गौरतलब है देश के दक्षिणी राज्य केरल में इस साल भी प्राकृतिक आपदा बारिश और बाढ़ ने कहर मचाया हुआ है. 30 जुलाई 2024 को वायनाड जिले के मुंडक्कई और चूरलमाला में भूस्खलन हुआ. इसमें अब तक 300 से अधिक लोगों की मौत हो गई है.

हालांकि भूस्खलन के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. घटना में पीड़ितों की मदद के लिए कई स्थानीय लोग व संस्थाएं भी काम कर रही हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आरएसएस से जुड़े संगठन सेवा भारती के वॉलंटियर्स भी लोगों की मदद में जुटे हैं. हालांकि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा तस्वीरों का कोलाज 6 साल पुराना है.

एक्स पर एक यूजर ने कोलाज शेयर करते हुए लिखा, 'वायनाड में मुस्लिम आबादी 41% है और यह राहुल गांधी के लिए सबसे सुरक्षित सीट है. लेकिन जब आपदा आती है तो निर्वाचित सांसद कहीं दिखाई नहीं देता है. यह आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) है जो धर्म, जाति और विचारधारा के बावजूद सेवा में विश्वास करता है.'

(आर्काइव लिंक)

फेसबुक पर भी इसी दावे से यह कोलाज वायरल है. 


(आर्काइव लिंक)

फैक्ट चेक 

बूम ने दावे की पड़ताल के लिए चारों तस्वीरों को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया तो पाया कि यह 6 साल पुरानी तस्वीरें हैं.

पहली तस्वीर

कोलाज की यह पहली तस्वीर कई सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा 2018 में शेयर की गई थी. बीजेेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने अपने एक्स अकाउंट पर 10 अगस्त 2018 को इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, 'समर्पण,देश हित, मानव सेवा आरएसएस हमेशा ही इन्हीं गुणों के लिए जाना जाता है. आरएसएस शिविरों में सभी केरलवासियों को राहत कार्य में योगदान देकर अपने कर्तव्य का यथा पालन कर रही है.'


दूसरी तस्वीर 

हमें कोलाज में शामिल दूसरी तस्वीर फेसबुक पर RSS Rengali,Sambalpur के पेज पर मिली. पेज पर 18 अगस्त 2018 की पोस्ट में इस तस्वीर के साथ बाढ़ प्रभावितों की मदद वाली अन्य तस्वीरों को भी साझा किया गया है. पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया, 'केरल में आरएसएस कार्यकर्ता'.   



तीसरी तस्वीर 

हमें कोलाज की तीसरी तस्वीर Vishwa Samvad Kendra, Tamilnadu नाम की एक वेबसाइट पर मिली. 2018 को प्रकाशित एक आर्टिकल में बताया गया कि "केरल में इडुक्की बांध पर एक साथ सभी पांच गेट खोल दिए गए, जिससे वायनाड में बाढ़ से तबाही मच गई. केरल के 14 में से 13 जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. बाढ़ पीड़ितों के लिए सरकार ने विभिन्न स्थानों पर 450 राहत शिविर खोले हैं. राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत कार्यों में सेवाभारती की 350 इकाइयां और 5,000 स्वयंसेवक लगे हुए हैं."




चौथी तस्वीर 

हमें आरएसएस की आधिकारिक वेबसाइट पर यह तस्वीर मिली. राष्ट्रदेव नाम के एक फेसबुक पेज पर भी 21 अगस्त 2019 को शेयर किए गए वीडियो में भी इस तस्वीर को देखा जा सकता है. 



गौरतलब है कि अगरस्त 2018 में भी केरल में भारी बारिश और बाढ़ से भयंकर तबाही हुई थी. मीडिया रिपोर्ट में इसे राज्य की 'सदी की बाढ़' कहा गया था. इस विनाशकारी बाढ़ में 480 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. राज्य के 3.91 लाख परिवारों के 14.50 लाख से अधिक लोगों को राहत शिविरों में पुनर्वासित करना पड़ा था. त्रासदी इतनी भयानक थी कि केंद्र सरकार ने तब इस आपदा को 'डिजास्टर ऑफ सीरियस नेचर' घोषित किया था. 

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