केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी का चार साल पुराना एक वीडियो सोशल मीडियो पर एक बार फिर सुर्खियों में है। वीडियो में मेनका गांधी को सवाल करते हुए दिखाया गया है कि सोनिया गांधी दुनिया की छठी सबसे अमीर महिला कैसे बनीं।
33 सेकंड लंबे इस वीडियो में, मेनका गांधी को यह कहते हुए देखा जा सकता है, "एक व्यक्ति जिसे राष्ट्र बहुत प्यार करता था, गले लगाता था, आज दुनिया की छठी सबसे अमीर महिला है। मैं पूछती हूं, वह यह पैसा दहेज में तो लाया नहीं गया है … तो अगर वह इस दुनिया की छठी सबसे अमीर महिला है, तो पैसा कहां से आया? स्कूलों, सड़कों, बिजली, हमारे जीवन, हमारे बच्चों के भविष्य से? क्या यह पैसा लूट में नहीं गया है? और पैसा कहां से आएगा? "
वीडियो 4 जनवरी, 2019 को फेसबुक पेज, 'The India Eye' द्वारा साझा किया गया है।
इसे 31 दिसंबर, 2018 को 'Zee news fans club' पेज पर भी पोस्ट किया गया था और इस कहानी को लिखने के समय इसे 18,500 से अधिक बार साझा किया गया था। पोस्ट के संग्रहीत संस्करण तक यहां पहुंचा जा सकता है।
दावा किस संबंध में है?
दावे को समझने के लिए हमें पिछले समय में जाना होगा। हालांकि, सोशल मीडिया पर वर्षों से इसी तरह के दावे किए गए हैं, और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को दी गई रैंकिंग और सूचियों में अंतर है।
मूल दावा सोनिया गांधी के दुनिया की चौथी सबसे अमीर राजनेता के रूप में सूचीबद्ध करने के बारे में था न कि दुनिया की छठी सबसे अमीर महिला होने के संबंध में है।
उद्हारण के लिए, 27 सितंबर, 2018 को फेसबुक पेज, 'I Support Modiji and BJP' द्वारा साझा की गई एक पोस्ट में, सोनिया गांधी को वैश्विक रूप से चौथे सबसे अमीर राजनेता कहा गया है। पोस्ट में अपने दावे का समर्थन करने के लिए एक अखबार की कतरन शामिल की गई थी।
जब बूम ने पोस्ट से की वर्ड खोजे, तो हमें दैनिक जागरण और आजतक में प्रकाशित सहित कई समाचारों रिपोर्ट मिले।
फैक्ट चेक
दैनिक जागरण का लेख, जो दावा करता है कि सोनिया गांधी दुनिया की चौथी सबसे अमीर राजनेता हैं, बिजनेस इनसाइडर को इसका स्रोत बनाती हैं। जागरण की रिपोर्ट में कहा गया है, 'अमेरिकी वेबसाइट बिजनेस इनसाइडर ने यह दावा किया है। साइट के अनुसार, सोनिया गांधी की कुल संपत्ति 2-19 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बीच है।"
जब बूम ने बिजनेस इनसाइडर की सूची को देखा, तो हमें एक लेख मिला, जिसका शीर्षक था 'मीट द 23 रिचेस्ट पॉलिटिशियन इन द वर्ल्ड'।
2 मार्च 2012 को प्रकाशित यह रिपोर्ट $ 2 और $ 19 बिलियन के बीच संपत्ति के साथ सोनिया गांधी को चौथे रैंक पर रखती है।
यह ध्यान देने योग्य है कि $ 2 बिलियन से $ 19 बिलियन की सीमा एक अत्यंत विस्तृत रेंज है।
( बिजनेस इनसाइडर लेख में सोनिया गांधी )
बिजनेस इनसाइडर का लेख अपने स्रोत के रूप में एक निश्चित 'वर्ल्ड लक्जरी गाइड' का हवाला देता है। हालांकि, लेख में दिए गए पेज का यूआरएल अब काम नहीं करता है।
इस बीच, जब हमने सूची तैयार करने के लिए इसके स्रोत के रूप में, वर्ड लक्ज़री गाइड द्वारा सूचीबद्ध नामों की जांच की ( Openecret.org, forbes.com, bloomberg.com, wikipedia.org और guardian.co.uk ) तो हमने पाया यह पाया -
फोर्ब्स
20 नवंबर, 2012 को प्रकाशित फोर्ब्स की सबसे अमीर भारतीयों की सूची में सोनिया गांधी का कोई जिक्र नहीं है। हालांकि, इस सूची में सावित्री जिंदल का नंबर 7 पर एक बिजनेस टाइकून के रूप में उल्लेख किया गया है, बिजनेस इनसाइडर के लेख में भी उन्हें यही स्थान दिया गया है।
फोर्ब्स की 2011 में प्रकाशित 100 सबसे अमीर भारतीयों की सूची में भी सोनिया गांधी का जिक्र नहीं था।
2012 में फोर्ब्स द्वारा प्रकाशित, लेख 'द वर्ल्ड्स रिचेस्ट पॉलिटिशअन आर वर्थ बिलियनस, मिट रोमनी इज नॉट' में भी गांधी का नाम नहीं है।
द गार्डियन
26 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित द गार्डियन का लेख, जिसका शीर्षक है, 'द वेल्दिएस्ट वर्ल्ड लीडर्स' उसमें भी सोनिया गांधी या सावित्री जिंदल का कोई उल्लेख नहीं है।
ओपनसीक्रेट्स
वेबसाइट OpenSecrets.org पर सोनिया गांधी की एक खोज ने कोई परिणाम नहीं दिखाया है।
नेशनल इलेक्शन वॉच डेटा
इस बीच, नेशनल इलेक्शन वॉच की वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए डेटा में 2014 के चुनाव से पहले गांधी की कुल संपत्ति 9 करोड़ रुपये (9,28,95,288 रुपये) घोषित की गई थी।
2009 में उनके द्वारा घोषित कुल संपत्ति 1 करोड़ रुपये (1,37,94,768 रुपये) थी, जबकि 2004 में डेटा के अनुसार 85 लाख रुपये (85,68,694 रुपये) थी। डेटा देखने के लिए यहां क्लिक करें।
रायबरेली संसदीय क्षेत्र के लोकसभा चुनाव से पहले रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष सोनिया गांधी द्वारा दाखिल हलफनामे की स्कैन की गई कॉपी यहां दी गई है।
दिलचस्प बात यह है कि 2013 में प्रकाशित अपने लेख में हफिंगटन पोस्ट ने सोनिया गांधी को दुनिया के 12 वें सबसे अमीर राजनेता के रूप में सूचीबद्ध किया था। हफिंगटन पोस्ट ने बाद में गांधी का नाम सूची से हटा दिया और एक स्पष्टीकरण जारी किया।
( हफिंगटन पोस्ट द्वारा जारी स्पष्टीकरण )
2013 में इंडिया टूडे द्वारा हफिंगटन पोस्ट की कहानी की भी तथ्य-जांच की गई थी।
सोनिया गांधी के दुनिया के चौथे सबसे अमीर राजनेता होने के दावे को भी पिछले दिनों ऑल्ट न्यूज़ ने खारिज कर दिया था।
थोड़ी सी अंकगणित से पता चलता है कि बिजनेस इनसाइडर और नेशनल इलेक्शन वॉच द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों और साथ ही गांधी द्वारा दायर हलफनामा के बीच भी अंतर है।