कांग्रेस और भाजपा के शासन के दौरान गंगा नदी की स्थिति की तुलना करने के लिए दो पुरानी असंबंधित तस्वीरों को फ़ेसबुक पर वायरल किया जा रहा है।
कई पेजेज़ पर दो अलग छवियों को शेयर किया जा रहा है। इनमे से एक तस्वीर, जिसमे प्रियंका गाँधी स्वच्छ नदी से पानी पीती नज़र आ रही हैं, एडिट की गई है | बांगला में ‘मोदी के शासन के दौरान गंगा’ दूसरी तस्वीर पर लिखा हुआ नज़र आता है |
पहली छवि (नीचे देखें) प्रदूषित गंगा की तस्वीर दिखती है जिसमे पानी पर तैरता कचरा देखा जा सकता है। यहाँ बांग्ला में एक कैप्शन कहता है कांग्रेस के शासनकाल में 'गंगा' का हाल।
इस पोस्ट को पांच हज़ार से ज़्यादा शेयर्स मिले हैं।
इस पोस्ट को यहाँ और यहाँ देखा जा सकता है और इस पोस्ट के आर्काइवड वर्शन को यहाँ और यहाँ देखा जा सकता है।
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फैक्टचेक
बूम ने कोलाज में उपयोग की गई दोनों तस्वीरों का गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया कि दोनों को मई 2014 में भाजपा सरकार के सत्ता में आने से पहले शूट किया गया था।
बूम ने स्वच्छ गंगा की तस्वीर को दो हिस्सों में क्रॉप किया और उनपर दो अलग अलग रिवर्स इमेज सर्च किया |
स्वच्छ गंगा की तस्वीर पर रिवर्स इमेज सर्च करने के दौरान हमने सेटिंग्स में टाइम पीरियड '2014 से पहले' सेट कर दिया |
रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये हम कोलोराडो-बेस्ड यात्रा लेखक जोडी सर्फ़स की वेबसाइट पर पहुंचे, जिन्होंने मार्च 2012 को अपनी ऋषिकेश यात्रा को डॉक्यूमेंट किया था। यही तस्वीर एक बड़े साइज़ में, सर्फेस के हृषिकेश यात्रा वृतांत में है |
बूम ने पाया कि इसी तस्वीर को बाद में कई न्यूज़ रिपोर्ट्स में रेप्रेज़ेंटेटिव इमेज के तौर पर इस्तेमाल किया गया है |
आपको बता दें की प्रियंका गांधी वाड्रा की फोटोशॉप्ड छवि, जिसे गंगा नदी की तस्वीर के साथ मॉर्फ़ किया गया है, मूल रूप से 2019 की है, जब कांग्रेस नेता ने इस साल 18 मार्च को संगम का दौरा किया था।
कांग्रेस शासनकाल में गंगा नदी की तस्वीर
बूम ने एक रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया कि यह इमेज मूल रूप से 2009 की है। इसे फ़ोटोग्राफर प्रकाश सिंह द्वारा इंटरनेशनल स्टॉक वेबसाइट गेट्टी पर अपलोड किया गया है |