2012 में निर्भया के सामूहिक बलात्कार के ख़िलाफ़ नई दिल्ली में प्रदर्शनों के दौरान एक महिला प्रदर्शनकारी पर हमला करते हुए पुलिसकर्मी की तस्वीर ग़लत दावों के साथ फ़िर वायरल हो रही है । दावा किया जा रहा है कि यह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों और पुलिस के बीच झड़पों की हालिया तस्वीरें हैं ।
तस्वीर में पुलिसकर्मी एक प्रदर्शनकारी को डंडों से मारते हुए दिखाया गया है और बैकग्राउंड में कई अन्य पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों के साथ टकराव करते नज़र आ रहे हैं ।
वायरल तस्वीर के साथ व्यंग्यात्मक कैप्शन दिया गया है, जिसमें लिखा है, “लड़कीयाँ:- हम लड़कों से काम नही है । पुलिस:- तो ये ले … #JNUProtests Me ये पड़ा धोनी का 6 और गेंद स्टेडियम से बाहर।”
कैप्शन, 18 नवंबर, 2019 को छात्रों के द्वारा हॉस्टल शुल्क वृद्धि को लेकर हाल ही में आयोजित मार्च की ओर व्यंगात्मक इशारा करता है ।
अपनी याचिका के साथ संसद की ओर मार्च कर रहे प्रदर्शनकारी छात्रों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की । इस संघर्ष में कई छात्र घायल भी हुए । तस्वीर उन सोशल मीडिया यूज़र्स द्वारा शेयर की जा रही है जो जेएनयू छात्रों द्वारा विरोध प्रदर्शन का समर्थन और विरोध करते हैं ।
इस तस्वीर को जेएनयू छात्रों पर पुलिस की बर्बरता के दावों के साथ भी फैलाया जा रहा है ।
यही तस्वीर ट्विटर पर भी वायरल है ।
इस तस्वीर को जेएनयू छात्रों पर हुए अत्याचार की ऐसी ही कहानी के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की युवा शाखा के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट द्वारा भी ट्वीट किया गया था ।
हमने एक रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया कि यह तस्वीर 2012 की है, जब दिल्ली में पूरे देश को हिला देने वाले, पेरा-मेडिकल की छात्रा के साथ हुए सामूहिक बालात्कार के ख़िलाफ़ सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया था ।
सामूहिक बलात्कार के बाद हुए प्रदर्शनों से निपटने के दौरान पुलिस ने जिस क्रूरता का प्रदर्शन किया, उसकी आलोचना की गई थी ।
तस्वीर को मूल रूप से, अंतर्राष्ट्रीय प्रेस एजेंसी, रायटर के लिए फ़ोटोग्राफ़र अदनान अबिदी द्वारा लिया गया था ।
तस्वीर के साथ कैप्शन दिया गया था, “22 दिसंबर, 2012 को नई दिल्ली में एक विरोध रैली के दौरान राष्ट्रपति भवन के पास एक पुलिसकर्मी ने प्रदर्शनकारी पर डंडा चलाया । सोशल मीडिया और सड़कों पर एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार के विरोध में भारी प्रदर्शन चल रहा है । भारतीय पुलिस ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च कर रहे हजारों लोगों को रोकने के लिए लाठियां, आंसू गैस और पानी की गोले का इस्तेमाल किया ।” रायटर्स / अदनान आबिदी
यही तस्वीर रॉयटर्स इमेज आर्काइव पर देखी जा सकती है ।