HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फ़ैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फ़ास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फ़ैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फ़ास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
फ़ैक्ट चेक

महाराष्ट्र के अम्बा देवी मंदिर में मॉक ड्रिल को कश्मीर में सेना के अत्याचार के रूप में किया जा रहा है शेयर

बूम ने पाया कि वीडियो में महाराष्ट्र के अमरावती में पुलिस अधिकारियों द्वारा आयोजित एक मॉक ड्रिल दिखाई गयी है

By - Sumit | 14 Aug 2019 1:46 PM GMT

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है । वीडियो में पुरुषों के एक समूह को मुकाबला करते हुए दिखाया जा रहा है । दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो सेना द्वारा कश्मीरियों पर किए जा रहे अत्याचार का है । यह दावा ग़लत है ।

वीडियो में पुरुषों के एक समूह को लड़ाई के कपड़े पहने हुए दिखाया गया है जो कम से कम पांच पुरुषों को ले जा रहे हैं जिनमें से दो को हथकड़ी लगाई गई है और बाद में उन्हें घुटने पर बैठाते हैं ।

वायरल क्लिप के साथ कैप्शन में लिखा है, “कश्मीर में कहां है शान्ती ????????? दलाल मीडिया दिखाता क्यो नही????”

आप दावे के साथ वीडियो से स्क्रीनशॉट नीचे दिए गए हैं । वीडियो को शेयर करने वाले ट्विटर हैंडल को निलंबित कर दिया गया है ।

फ़ैक्ट चेक

बूम ने क्लिप को ध्यान से देखा और वीडियो को कीफ़्रेमों में तोड़ा । हमनें एक फ्रेम को ज़ूम किया और पाया कि भवन के प्रवेश द्वार के ऊपर श्री अम्बा देवी मंदिर लिखा हुआ है जहां बंदियों को लाइन में खड़ा किया गया है ।

साथ ही वीडियो में आवाजें मराठी में बोलते हुए सुनी जा सकती हैं । वर्दी और बंदी दोनों के आरामदायक हाव-भाव सुझाव देते हैं कि घटना वास्तविक नहीं थी । बूम ने तब ‘अंबा देवी मंदिर में मॉक ड्रिल’ कीवर्ड का उपयोग किया और 31 जुलाई, 2019 को यूट्यूब पर अपलोड किया गया वही वीडियो पाया । वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा गया है ‘मिलिट्री ड्रिल अम्बा देवी मंदिर’।

Full View

( 31 जुलाई, 2019 को अपलोड किया गया वीडियो )

बूम को उसी वीडियो का एक लंबा वर्शन मिला, जिसने यह स्पष्ट किया कि यह घटना वास्तव में पुलिस अधिकारियों द्वारा 27 जुलाई, 2019 को की गई एक मॉक ड्रिल थी ।

Full View

एक पुलिस अधिकारी को विदर्भ न्यूज़ के रिपोर्टर से इस बात की पुष्टि करते देखा जा सकता है कि ऑपरेशन एक मॉक ड्रिल था । बम डिस्पोजल एंड डिटेक्शन स्क्वाड (BDDS), क्विक रेस्पॉन्स टीम (QRT), आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस), डॉग स्क्वायड और स्थानीय पुलिस कर्मियों ने मॉक ड्रिल में भाग लिया था ।

आगामी त्योहारी मौसम में किसी भी अप्रिय घटना के लिए तैयार रहने के लिए 27 जुलाई को सुबह 11.15 बजे घंटे भर की मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी । बूम ने मॉक ड्रिल में आतंकवादियों के रूप में दिखने वाले और वायरल वीडियो में कथित आतंकवादियों की तस्वीरों की तुलना की और उन्हें समान पाया।

( यूट्यूब की तस्वीरें और वायरल क्लिप )

बम ने यह भी पाया कि हाल ही में महाराष्ट्र के अंबा देवी मंदिर से तीन आतंकवादियों के पकड़े जाने के दावे के साथ यही वीडियो पहले भी वायरल हुआ था ।

Full View
Full View

Related Stories